Tourism in Varanasi : जलयान में लगें चार लाइफ राफ्ट, दुर्घटना होने पर बन जाएगा फ्लोरिंग टेंट

जलयान से गंगा और घाटों का लुफ्त उठाने वाले पर्यटकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जलयान में कोई घटना या आपतकालीन परिस्थति में उन्हें सुरक्षित गंगा से बाहर निकाला जा सकेगा। जलयान में कोई घटना होने पर जलयान में लगा लाइफ राफ्ट खुद खुलकर फ्लोरिंग टेंट बनकर जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 07:45 AM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 10:36 AM (IST)
Tourism in Varanasi : जलयान में लगें चार लाइफ राफ्ट, दुर्घटना होने पर बन जाएगा फ्लोरिंग टेंट
जलयान से गंगा और घाटों का लुफ्त उठाने वाले पर्यटकों के लिए बड़ी खुशखबरी है।

वाराणसी, जेएनएन। जलयान से गंगा और घाटों का लुफ्त उठाने वाले पर्यटकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जलयान में कोई घटना या आपतकालीन परिस्थति में उन्हें सुरक्षित गंगा से बाहर निकाला जा सकेगा। जलयान में कोई घटना होने पर जलयान में लगा लाइफ राफ्ट खुद खुलकर फ्लोरिंग टेंट बनकर जाएगा। एक फ्लोरिंग टेंट से 20 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा। जलयान में फिलहाल चार लाइफ राफ्ट लगें है, भविष्य में इनकी संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। इतना ही नहीं, फ्लोरिंग टेंट में एक सप्ताह तक खाने-पीने के सामान के साथ गंगा में तैरता रहेगा। जलयान में प्रत्येक यात्री के लिए लाइफ जैकेट और लाइफ बॉय (ट्यूब) के भी इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा रो-रो जलयान में भी यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी उपकरण लगें होंगे। इसमें पर्यटकों को बनारसी ब्यंजन मिलेंगे।

जलयान के कैप्टन व गोवा शिप के कंसल्टेंट सुरेश बाबू ने बताया कि दो मंजिल जलयान में नीचे का हिस्सा पूरी तरह से वातानुकूलित और पहली मंजिल सामान्य है। 100 लोगों  की क्षमता वाला जलयान 12 से 15 किलोमीटर की प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगा। इतना ही नहीं, 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले विपरीत हवा में भी जलयान सुरक्षित चलेगा। तेज बारिश जलयान को रोक नहीं पाएगी। 35 टन वजन वाला जलयान एक मीटर पानी में भी आसानी से चल सकेगा।

आध्यात्मिकता को आत्मसात करेंगे पर्यटक

सुबहे-ए-बनारस की शान व पूरी दुनिया में मशहूर गंगा आरती की आध्यात्मिकता को आत्मसात करने के लिए पूरी दुनिया के पर्यटक काशी आते है। अध्यात्म, धर्म और इतिहास को समेटे हुए काशी के 84 घाटों का नजारा भी लोगों को खूब रोमांचित करता है। अब आप ये नजारा अत्याधुनिक जलयान में बैठकर देख सकते हैं। जलयान में काशी के सभी घाटों के अध्यात्म और धार्मिक इतिहास के बारे में ऑडियो-वीडियो जानकारी पर्यटकों को मिल सकेगी। इसके अलावा 200 लोगों की क्षमता वाला रो-रो जलयान (रोल-आन-रोल-आफ पैसेंजर शिप) का नाम स्वामी विवेकानंद और सैम माणिक शाह है जो जल्द की गंगा की लहरों में दौड़ता दिखाई पड़ेगा।

रो-रो जलयान का इस्तमाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए भी किया जाएगा

रो-रो जलयान का इस्तमाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए भी किया जाएगा जिससे सड़क पर ट्रैफिक का लोड कम हो।रो-रो जलयान सुबह-शाम गंगा घाट पर होने वाली आरती के समय चलेगी। पीपीपी मॉडल पर चलने वाले जलयान से होने वाले आय का कुछ हिस्सा निषाद समुदाय के लोगों के वेलफेयर पर भी खर्च होगा। फिलहाल इसका संचालन राजघाट से संत रविदास घाट तक होगा। कोई चाहे तो विशेष टूर पैकेज के तहत बुक कर इसे शूल टंकेश्वर, कैथी और चुनार आदि जगहों तक ले जा सकता है।

-दीपक अग्रवाल, मंडलायुक्त

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व की जानकारी दिखाई जाएगी

जलयान के अंदर की साज-सज्जा में काशी का धार्मिक, आध्यात्म के साथ यहां धरोहरों का इतिहास भी दर्शाया गया है। जलयान में लगे टीवी स्क्रीन से पर्यटकों को अस्सी घाट से आदिकेशव घाट तक के इतिहास, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व की जानकारी दिखाई जाएगी।

-आरबी सिंह, प्रोजेक्टर मैनेजर, राजकीय निर्माण निगम

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