Top 5 Varanasi News Of The Day : राजभाषा सम्मेलन का उदघाटन, वाराणसी में संस्कृति संसद, अमृत महोत्सव पर संगोष्ठी
Top Varanasi News जिले की कई महत्वपूर्ण खबरों ने शनिवार 13 नवंबर 2021 को सुर्खियां बटोरीं हैं। जानिए शाम पांच बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबरें जो दिन भर चर्चा में बनी रहीं और लोगों की नजरें भी उन खबरों पर बनी रहीं।
वाराणसी, इंटरनेट डेस्क। बनारस शहर की कई खबरों ने शनिवार को चर्चा बटोरीं जिनमें राजभाषा सम्मेलन का उदघाटन, वाराणसी में संस्कृति संसद, अमृत महोत्सव पर संगोष्ठी, आंवले का पूजन अर्चन, तापमान में उतार चढ़ाव संभव आदि प्रमुख खबरें रहीं। जानिए शाम पांच बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबरें।
वाराणसी में राजभाषा सम्मेलन का गृहमंत्री अमित शाह ने किया उदघाटन, हिंदी को वैश्विक मान दिलाने पर मंथन
जिले में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन दीन दयाल हस्तकला संकुल, वाराणसी में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेते हुए और गृह एवं सहकारिता मंत्री के प्रभावी नेतृत्व में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन वाराणसी में कर रहा है। इसमें गृह एवं सहकारिता मंत्री के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, निशिथ प्रमाणिक और सांसदगण, सचिव राजभाषा, संयुक्त सचिव राजभाषा सहित पूरे देश के अलग-अलग राज्यों से आये विद्वानगण उपस्थित रहे। इस दौरान कई समानांतर सत्रों में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ाने के विषय में विचार और मंथन भी हो रहा है।
संस्कृति संसद 2021 : आयोजन के दूसरे दिन राष्ट्रीय सुरक्षा, अखंडता और राष्ट्रवाद पर मंथन
काशी में धर्म- संस्कृति और संस्कारों संग राष्ट्रीय सुरक्षा, अखंडता और राष्ट्रवाद पर वैचारिक मंथन का शनिवार को दूसरा दिन है। संस्कृति संसद के दूसरे दिन शनिवार को चतुर्थ सत्र में 'भारत की सांस्कृतिक विरासत' पर सुबह 10 बजे से 11 बजे तक आरिफ मोहम्मद खान, राज्यपाल, केरल ने वक्तव्य दिया तो संचालक अशोक श्रीवास्तव ने किया। पांचवां सत्र 'ढाई युद्ध के मोर्चे पर भारत व राष्ट्रीय सुरक्षा में आम नागरिकों की भूमिका' पर सुबह 11 से 12 बजे अंबिका बाजपेयी का वक्तव्य हुआ तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर चिंतन भी आयोजन में उभरा। वहीं इसी सत्र में आरके सिंह, ऊर्जा मंत्री, भारत सरकार, जनरल वीके सिंह, राज्य मंत्री, नागरिक उड्डयन, भारत सरकार, डा. अशोक बेहुरिया, निदेशक, आईडीएसए ने भी अपने विचार व्यक्त किए तो संचालन प्रवेश खन्ना ने किया। छठवें सत्र में 'हिंदू होलोकास्टः हिंदू संस्कृति पर दो हजार वर्षों तक हुए हमले' दोपहर 12 से एक बजे तक मंथन होना है। इसमें कोनराड एल्स्ट, प्रसिद्ध इतिहासकार, डा. विक्रम संपथ, इतिहासकार व लेखक परिचर्चा करेंगे तो संचालन डा. राज मिश्रा ने संभाला।
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान सारनाथ में 'आजादी का अमृत महोत्सव' पर संगोष्ठी का आयोजन
आजादी का अमृत महोत्सव के अंर्तगत वाराणसी शहर भर में विभिन्न आयोजनों का क्रम जारी है। इसी कड़ी में सारनाथ स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के प्रो. वांगचुक दोरजे नेगी ने कहा कि आज के छात्रों को आध्यात्मिक मूल्यों को आत्मसात करने की जरूरत है तभी उनके जीवन का सर्वांगीण विकास होगा। शिक्षा के साथ अध्यात्मिकता आवश्यक है। इस बाबत बताया कि आध्यात्मिकता विश्व विकास की कुंजी है। उक्त बातें सारनाथ स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर रिसर्च मेथोडोलजी एंव स्टेटिक्स" विषय पर शनिवार को आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि पद से कही। उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास ही भारत को विश्व गुरु के रूप में देखा जाता है। इस मौके पर आइएमएस बीएचयू के प्रो. टी एम महापात्रा ने कहा कि शोध को एक सामूहिक क्रिया के रूप में देखा जाता है।
अक्षय नवमी पर अपने हाथों से लगाए आंवले का पूजन अर्चन कर मांगा अक्षय सौभाग्य
कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन अर्चन किया जाता है शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि अक्षय नवमी के दिन पूजन अर्चन करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। जागृति फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित पूजन समारोह के मुख्य अतिथि नगर के प्रसिद्ध साहित्यकार डा. जयप्रकाश मिश्र, विशिष्ट अतिथि सत्यांशु जोशी, सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी अभिषेक त्रिपाठी व जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मित्र ने आंवला वृक्ष का विधि- विधान से पूजन अर्चन किया मंदिर के पुजारी अभिषेक त्रिपाठी ने विधि विधान से पूजन संपन्न कराया। इस अवसर पर आंवले के बीच में जल अर्पण करने के साथी विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। इस अवसर पर साहित्यकार डा. जयप्रकाश मिश्र ने कहा कि आज जरूरत है प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने की और पौधा लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करने की तभी हम और हमारे परिवार सुखी संपन्न होगा।
दक्षिण भारत के बादलों की सक्रियता का असर पूर्वांचल तक, तापमान में उतार चढ़ाव भी संभव
पूर्वांचल में मौसम का रुख बदला हुआ है और बादलों की भी आहट बनने लगी है। तापमान में मामूली इजाफा इसी का संकेत माना जा रहा है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख बदला तो तापमान में उतार चढ़ाव का दौर होना तय है। वातावरण में बढ़ रही ठंड पर कुछ दिनों तक लगाम भी ऐसे में लग सकती है। मगर, इसके बाद लगातार हो रहे बदलाव के बीच पहाड़ों की बर्फबारी का असर पूर्वांचल में होना तय है। इससे मैदानी इलाकों में कोहरा और गलन का दौर आ सकता है। यूरोप से आने वाली ठंडी हवाएं अभी पाकिस्तान और कुछ हद तक पश्चिमी भारत तक ही सीमित हैं। जल्द ही इसका असर पूर्वांचल तक भी आएगा। शनिवार की सुबह आसमान साफ रहा और दिन चढ़ा तो सूरज की रोशनी में बचा कोहरा और धुंधलका भी घुल गया। हालांकि, सुबह सात बजे तक अंचलों और कस्बों में कोहरे और कुहासे का दौर बना रहा। दिन चढ़ा तो वातावरण से ठंडी हवाएं नदारद हो गईं और वातावरण में राहत का असर नजर आने लगा।