बारिश का मौसम शुरू होते ही वाराणसी में टमाटर, प्याज और लहसुन की कीमत में आई तेजी
बारिश का मौसम शुरू होते ही एक-एक कर सब्जियों की सहायक सामग्री का भाव बढ़ता जा रहा है। लहसुन-प्याज के बाद अब टमाटर भी बारिश के कारण लाल हो रहा है। स्थानीय किसानों के खेतों में पानी भरने से उपज कम हो जाएगी।
वाराणसी, जेएनएन। बारिश का मौसम शुरू होते ही एक-एक कर सब्जियों की सहायक सामग्री का भाव बढ़ता जा रहा है। लहसुन-प्याज के बाद अब टमाटर भी बारिश के कारण पीला हो रहा है। वहीं उसका भाव धीरे-धीरे लाल होना शुरू हो गया है। गत सप्ताह फुटकर बाजार में टमाटर का भाव 15-20 रुपये प्रतिकिलो चल रहा था। वहीं मंगलवार को हुई बारिश के बाद बुधवार को टमाटर के भाव में 5 से 10 रुपये की वृद्धि हो गयी है। अचानक टमाटर का 30 रुपये प्रतिकिलो भाव सुनकर ग्राहक भौचक्का थे। मंडी में व्यापारियों ने बताया कि यदि लगातार बारिश हुई तो टमाटर के दाम और बढ़ेंगे। उनका मानना है कि स्थानीय किसानों के खेतों में पानी भरने से उपज कम हो जाएगी। उसके बाद सोनभद्र से आने वाले टमाटर से बाजार के मांग की पूर्ति होगी।
मौसम बदलते ही प्याज और लहसुन धीरे-धीरे अब रफ्तार पकडऩा शुरू कर दिया है। सही समय से मानसून आने के कारण बारिश की संभावनाओं को देखते हुए पहडिय़ा मंडी के व्यापारी प्याज की खेप कम मंगा रहे हैं। उनका कहना है कि बारिश में नमी से प्याज जल्दी खराब हो जाता है। इस कारण पहले गोदाम में रखे प्याज को बेचा जा रहा है। इससे भाव में थोड़ी तेजी दिख रही है। दूसरी ओर महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण प्याज की जो खेप आ रही है, उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है। मंडी के व्यापारी अभय कुमार ने बताया कि इस समय प्याज की आवक महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के साथ ही स्थानीय किसानों से भी हो रही है। एक महीने पहले जहां थोक में प्याज का भाव एक हजार से 15 सौ रुपये प्रति क्विंटल चल रहा था, वह अब दो हजार रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है। व्यापारी काशीनाथ ने बताया कि लहसुन के भाव में भी 20 रुपये प्रतिकिलो की वृद्धि हुई है। पहले थोक में लहसुन 50-60 रुपये प्रतिकिलो था। इधर पिछले सप्ताह हुई बारिश के बाद से लहसुन का भाव 20 रुपये बढ़कर 70-80 रुपये प्रतिकिलो हो गया है। लहसुन की आवक इस समय यूपी के पश्चिमी क्षेत्रों से हो रही है। बात फुटकर बाजार की करें तो प्याज 25 रुपये और लहसुन एक सौ रुपये प्रतिकिलो के भाव बिक रहा है।