वट से बांधें सांसों की डोर : मातृ शक्ति ने निभाया मातृत्व का कर्तव्य, जिले में रोपे गए सैकड़ों पौधे

दैनिक जागरण के सरोकारी अभियान वट से बांधें सांसों की डोर के क्रम में गुरुवार को जिले में महिलाओं ने वट वृक्ष की न केवल पूजा की बल्कि पौधरोपण कर भविष्‍य के लिए सांसाें की संजीवनी भी रोपी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 09:48 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 07:33 PM (IST)
वट से बांधें सांसों की डोर : मातृ शक्ति ने निभाया मातृत्व का कर्तव्य, जिले में रोपे गए सैकड़ों पौधे
दैनिक जागरण के अभियान 'वट से बांधें सांसों की डोर' के तहत लोगों ने किया वट वृक्ष का रोपण।

वाराणसी, जेएनएन। भारतीय सनातन धर्मावलंबी मातृ शक्तियों ने अपना कर्तव्य निभाया। वर्तमान के साथ ही आने वाली संतानें और पीढ़ियां भी प्राणवायु और प्रदूषण का वैसा दुख न झेलें, जैसा कि अभी सबने झेला है, इसलिए सबने वट से बांधी सांसों की डोर। व्रतियों ने वट सावित्री की पूजा की और जीवन और सांस के बिरवे रोपे। जो व्रत नहीं थीं उन्होंने भी हर प्राण को मिले सांस, इसलिए आस का बिरवा बोकर भारतीय नारी और मातृत्व का आदर्श निभाया।

गुरुवार को वट सावित्री पूजन के शुभ अवसर पर जिले में वट के सैकड़ों पौधे रोपे गए। दैनिक जागरण द्वारा चलाए गए समाचारीय अभियान को वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को जीवनदान देने वाली मातृ-शक्ति ने हाथों-हाथ लेते हुए साकार रूप दिया। इनमें कोई डाक्टर थीं तो कोई इंजीनियर, पर्यावरणविद, वैज्ञानिक, आफिसर्स, प्रोफेसर, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि तो सामान्य गृहिणी भी।

कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान जिस तरह लोगों ने प्राणवायु आक्सीजन की कमी का दुख झेला। बहुत से लोगों ने इसके अभाव में दम तोड़ दिया, यह देख सभी हिल गए। जानकारों का कहना था कि प्रदूषित वायु और वातावरण में जीती इस पीढ़ी की इम्युनिटी तो कमजोर है ही, वायरस के संक्रमण से फेफड़े भी प्रभावित हुए।

शुद्ध वायु आक्सीजन भरपूर मात्रा में फेफड़ों को मिलती रहे, साथ ही पर्यावरण भी शुद्ध होता रहे, इसके लिए वटवृक्षों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। इसे आधार बनाते हुए दैनिक जागरण ने एक सप्ताह तक समाचारीय अभियान चलाते हुए समाज के प्रबुद्धजनों विशेषकर महिलाओं को साथ जोड़ा। सबने वट सावित्री पजून के दिन कम से कम एक-एक वट पौधे रोपने का संकल्प लिया, जिसे गुरुवार को पूरा भी किया।

अनेक संस्थाएं भी आईं आगे जागरण के अभियान ‘वट से बांधे सांसों की डोर’ की उपयोगिता और महत्व को देखते हुए अनेक सामाजिक संस्थाएं भी इससे जुड़ीं और आगे भी इस अभियान को जारी रखने का संकल्प जताया है। काशी प्रबुद्ध महिला मंच ने जागरण की पहल पर गुरुधाम स्थित पार्क वाराणसी हॉस्पिटल के पीछे सुबह 10 वट के पौधों का रोपण किया तो इनके साथ ही वयं फाउंडेशन, इनरव्हील क्लब, पर्यावरण एवं शिक्षा प्रसार समिति समेत अनेक सामाजिक संगठनों ने इसे आगे भी जारी रखने का संकल्प जताया।

वट सावित्री पर्व के उपलक्ष्य तथा जागरण समूह व जिला प्रशासन के आह्वाहन पर परिवेश में ऑक्सीजन उन्नयन व पर्यावरण संरक्षण हेतु ब्लॉक संसाधन केंद्र-वेलवरिया, हरहुआ के प्रांगण में वट के पौधे का रोपण खण्ड शिक्षा अधिकारी-हरहुआ बृजेश कुमार श्रीवास्तव के द्वारा किया गया।इस अवसर पर न्याय पंचायत समन्वयक- अजय कुमार श्रीवास्तव,आंनद कुमार श्रीवास्तव शिक्षक संकुल-गोपेश यादव,शशिभूषण त्रिपाठी, अमित मिश्रा,विकास पाल,जगरनाथ यादव उपस्थित रहे।

वट से बांधे सासों की डोर जागरण अभियान के तहत गुरुवार को सारनाथ के आशापुर स्थित प्राचीन तालाब के परिसर में सृजन समाजिक संस्था व नगर निगम के सयुक्त रूप से वट पौध का रोपण किया गया। नगर आयुक्त नोरंग राठी व संस्था के अनिल कुमार सिंह ने प्राचीन तालाब के किनारे वट पौध का रोपण कर प्राचीन वट वृक्ष की पूजा की। इस दौरान गावो वालो के साथ मिलकर प्राचीन तालाब को सुरक्षित व वट पौधा की सुरक्षा का संकल्प लिया।  इस मौके पर वरुणा पार जोनल अधिकारी रामेश्वर दयाल, राम सकल यादव, पराक्रम सिंह,मनीष श्रीवास्तव अन्य लोग शामिल थे।

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