'काशी में आदिवासी' कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासियों को हस्‍तकला के सिखाये जाएंगे गुर

उत्तर प्रदेश डिज़ाइन एवं अनुसंधान संस्थान काशी में आदिवासी कार्यक्रम के माध्यम से अनुसूचित जनजाति के कारीगरों को हस्तकला का तकनीकी प्रशिक्षण देगी। दो महीने चलने वाले इस प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश के देवरिया गाजीपुर मिर्जापुर सोनभद्र चंदौली और आजमगढ़ के लगभग 280 लाभार्थी होंगे।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 05:29 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 05:29 PM (IST)
'काशी में आदिवासी' कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासियों को हस्‍तकला के सिखाये जाएंगे गुर
'काशी में आदिवासी' कार्यक्रम के माध्यम से अनुसूचित जनजाति के कारीगरों को हस्तकला का तकनीकी प्रशिक्षण देगी।

वाराणसी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश डिज़ाइन एवं अनुसंधान संस्थान 'काशी में आदिवासी' कार्यक्रम के माध्यम से  अनुसूचित जनजाति के कारीगरों को हस्तकला का तकनीकी प्रशिक्षण देगी। दो महीने चलने वाले इस प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश के देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली और आजमगढ़ के लगभग 280 लाभार्थी होंगे। इसके साथ साथ वाराणसी के अन्य कलाओं के भी कारीगरोंं की सहभागिता रहेगी। 

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 14 डिजाइन विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे जो कि हस्तकला तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे। साथ ही इस कार्यक्रम के दौरान सात जिलों के शिल्प को प्रदर्शित किया जाएगा। मंत्री चौधरी उदय भान ने कहा कि शरीर पांंच तत्वों से बना है। हर मानव में काम, क्रोध लोभ, मोह होता है परंतु हमारा आदिवासी समाज हर उस अवगुण से दूर रहा। ऐसे आदिवासी समाज के चरणोंं में अपना मस्तक रख कर वंदन करता हूंं। उन्होंने यूपीआईडीआर के कामों की सराहना की।

अध्यक्ष यूपीआईडीआर क्षिप्रा शुक्‍ला ने कहा कि हमारे आदिवासी बंधु जब तप कर निखरते हैंं तो मिसाल बनते हैंं। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद, हमारे आदिवासी कारीगर भी अपने हुनर से नयी मिसाल क़ायम करेंगे। उनके बनाए हुए उत्पाद की मार्केटिंग के लिए संस्थान पूरी मदद करेगा। उन्हें  प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए हुए 'आत्मनिर्भर भारत' के मूलमंत्र से जोड़ कर उनको और अधिक सशक्त करेंगे। प्रदेश कोषाध्यक्ष मनीष कपूर, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, जिला अध्यक्ष हंसराज, जिला महामंत्री नवीन कपूर, जगदीश त्रिपाठी आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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