त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : Varanasi में परिसीमन की अंतिम सूची का प्रकाशन 15 जनवरी को

वाराणसी के हरहुआ काशी विद्यापीठ ब्लाक के सात राजस्व गांवों के नगरीय सीमा में शामिल होने की अधिसूचना के बाद परिसीमन सूची प्रकाशित करने के बाद दावा आपत्ति का निस्तारण भी पूरा किया जा चुका है। सूची का प्रकाशन 15 जनवरी को किए जाने की बात कही जा रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 01:26 PM (IST)
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : Varanasi में परिसीमन की अंतिम सूची का प्रकाशन 15 जनवरी को
अंतिम सूची का प्रकाशन 15 जनवरी को किए जाने की बात कही जा रही है।

वाराणसी, जेएनएन। हरहुआ, काशी विद्यापीठ ब्लाक के सात राजस्व गांवों के नगरीय सीमा में शामिल होने की अधिसूचना के बाद परिसीमन सूची प्रकाशित करने के बाद दावा आपत्ति का निस्तारण भी लगभग पूरा किया जा चुका है। अंतिम सूची का प्रकाशन 15 जनवरी को किए जाने की बात कही जा रही है।

नगरीय सीमा में हरहुआ का लालपुर, भवानीपुर, बनियापुर, दनियालपुर, पिसोर और काशी विद्यापीठ का भिटारी, बेदौली रॉजस्व गांव शामिल हुए हैं। इसमें बेदौली व बनियापुर को छोड़ पांच ग्राम पंचायतें है। परिसीमन की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद इन गांवों के वोटरों का नाम त्रिस्तरीय पंचायत मतदाता सूची से हटाया जाएगा।

शासन के निर्देश तहत जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल हुआ समाप्त

जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल बुधवार की रात 12 बजे समाप्त हो गया। डीएम कौशल राज शर्मा गुरुवार से प्रशासक का चार्ज लेंगे। शासन की ओर से इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है। प्रशासक के सामने ठीकेदारों का लगभग 4.5 करोड़ रुपये बकाया भुगतान सबसे बड़ी चुनौती होगी।

ठीकेदारों का आरोप है कि कमीशन के चक्कर में धनराशि नहीं जारी की गई। बिल तैयार है। आपसी खींचतान में चेक नहीं काटा गया। बहरहाल, प्रशासक की भूमिका में आने वाले  डीएम को सभी चीजें संज्ञान में है।   डीएम ने ही जिला पंचायत के 400 से अधिक कार्यों की जांच कराई थी। बहुतायत गड़बड़ी मिली। इसके बाद भुगतान पर रोक लगा दी थी। इसके बाद एडीएम की अगुवाई में डीएम ने कमेटी गठित की। कमेटी को निर्देश दिया कि कार्यों में कमियों का सत्यापन कर आख्या दें। कमेटी ने 75 कार्यो को मानक के तहत नहीं पाया। कई आधी अधूरी मिली। डीएम ने तत्काल कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया। साथ ही ठीकेदारों की शिकायत पर पुराने भुगतान की अनुमति दी। लेकिन जिम्मेदार लोगों ने भुगतान समय से नहीं किया। ठीकेदारों का कहना जब तक पैसा मिलेगा नहीं , काम कैसे करा सकेंगे। नतीजा जिला पंचायत में पुराने नए सैकड़ो कार्य ठप पड़ें हुए हैं। प्रशासक के सामने भुगतान समस्या होगी वहीं सदन ठप होने के कारण नए कार्य को अनुमति नहीं मिलेगी। पुराना कार्य करना मुश्किल होगा।

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