सरयू नदी के वेग से मऊ के धनौली में तीन मीटर धंसा बोल्डर, जलस्तर गौरीशंकर घाट पर पांच सेंटीमीटर घटा

मऊ में सरयू 24 घंटे में पांच सेंटीमीटर घटी है लेकिन तबाही ज्यों की त्यों बरकरार है। सरयू नदी का दबाव वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर पड़ने लगा है। तेज लहरों के चलते धनौली में तीन मीटर बोल्डर नदी में धंस गया है। नवली और लोहड़ा देवारा में निरंतर कटान जारी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 02:09 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 02:09 PM (IST)
सरयू नदी के वेग से मऊ के धनौली में तीन मीटर धंसा बोल्डर, जलस्तर गौरीशंकर घाट पर पांच सेंटीमीटर घटा
सरयू नदी 24 घंटे में पांच सेंटीमीटर घटी है लेकिन तबाही ज्यों की त्यों बरकरार है।

मऊ, जागरण संवाददाता। सरयू नदी 24 घंटे में पांच सेंटीमीटर घटी है लेकिन तबाही ज्यों की त्यों बरकरार है। सरयू नदी का दबाव वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर पड़ने लगा है। तेज लहरों के चलते धनौली में तीन मीटर बोल्डर नदी में धंस गया है। नवली और लोहड़ा देवारा में निरंतर कटान जारी है। अभी तक लगभग 500 एकड़ जमीन काट चुकी है। बाढ़ के चपेट में आकर दो हजार एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। मऊ में नदी का बढ़ता और घटता हुआ जलस्‍तर दोनों ही हालात में चुनौती देता है।  

जलस्तर घटने से रास्तों पर चढ़ा पानी धीरे-धीरे घट रहा है। फिर भी नदी उफान पर है। इसके चलते धनौली के समीप देई स्थान के निकट तीन मीटर सुरक्षा में लगाया गया बोल्डर धंस गया है। इससे कटान की संभावना तेज होती नजर आ रही है। नदी की तेज धारा भारत माता मंदिर से टकरा रही है। सुरक्षा में लगाया गया पत्थर लांचिंग कर रहा है। इसको सिंचाई विभाग समय रहते भरने का प्रयास कर रहा है। जानकी घाट पर अवशेष को नदी काटने पर उतारू है। गौरीशंकर घाट पर सरजू नदी का जलस्तर मंगलवार को पांच सेंटीमीटर घटकर 70.05 मीटर पर रहा। वहीं अवराडांड में तीन सेंटीमीटर घटकर 70.80 मीटर पर बना रहा।

निकटवर्ती क्षेत्रों में संक्रामक रोग पांव पसार रहे हैं। नगर क्षेत्र के नालों में बाढ़ का पानी एवं नगर क्षेत्र का गंदा पानी भरा है। नगर में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं हो रहा है। रामनगर रिंग बांध के बीच के किसानों का फसल डूब गई है और भारी नुकसान हुआ है। बंधा में नवली के समीप बना रेगुलेटर खुला नहीं है। इससे फसलें डूब गई है। नदवा ताल का पानी नदी में नहीं जा रहा है। बीबीपुर के समीप भी रेगुलेटर नहीं खुला है, इससे पाऊस, कोरौली ताल का पानी नदी में नहीं निकल पा रहा है।

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