पेयजल की अव्यवस्था : आजमगढ़ में शहर के मुख्य चौक पर आने वाले पूछते हैं पानी का पता
आजमगढ़ में गर्मी की दस्तक के बाद बारिश और उसके बाद सिर को भारी कर देने वाली धूप। घर से बाहर निकलने वालों का सिर चकरा जा रहा है। राहत के लिए अगर कोई पानी की तलाश कर रहा है तो पानी नसीब नहीं हो पा रहा है।
आजमगढ़, जेएनएन। गर्मी की दस्तक के बाद बारिश और उसके बाद सिर को भारी कर देने वाली धूप। घर से बाहर निकलने वालों का सिर चकरा जा रहा है। राहत के लिए अगर कोई पानी की तलाश कर रहा है तो पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। शहर के हृदय स्थल मुख्य चौक का हाल यह है कि छह महीने से यहां का प्याऊ बेकार है। यहां आने वाले दूसरों से पूछते हैं कि कहीं और पीने वाला पानी मिल जाएगा। जवाब नहीं में मिलता है तो मजबूरन जेब ढीली करनी पड़ती है। शहर में कुल 31 स्थानों पर नगर पालिका की ओर से शीतल और शुद्ध पेयजल के लिए पोस्ट लगाए गए हैं, लेकिन उसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
सेवा का दावा करने वाली स्वयंसेवी संस्थाएं भी इस दिशा में सार्थक पहल नहीं कर रही हैं। मुख्य चौक पर लगभग पांच साल पूर्व राहगीरों एवं आमजन के लिए शीतल पेयजल की व्यवस्था की गई थी। इससे रिक्शा चालक, ठेला चालक, राहगीर, मजदूर प्यास बुझाते थे। छह माह से मोटर खराब होने के कारण टंकी खाली है। घरों से बाहर निकलने वालों को प्यास बुझाने के लिए बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है। इस बारे में एई जलकल सुरेंद्र कुमार ने बताया कि सर्वे कराया जा रहा है। जहां कहीं समस्या होगी उसे जल्द ही दूर करा दिया जाएगा।
प्यास बुझाने को खरीदना पड़ता है पानी
आजमगढ़ में चौक पर व्यापार करने वालों की परेशानी यह कि कभी-कभी ग्राहक भी पानी की मांग कर देते हैं। ऐसे में खुद के साथ ग्राहकों के लिए पानी खरीदना मजबूरी है। पान व्यवसायी मनोज चौरसिया का कहना है कि छह माह से मोटर खराब पड़ा है, पालिका प्रशासन मौन है। अमित सोनकर का कहना है कि चौक क्षेत्र में पेयजल की यही व्यवस्था थी, लेकिन दुर्व्यवस्था की शिकार हो गई। चौक निवासी मोहन गुप्ता व गोपी सैनी ने जल्द से जल्द पेयजल की व्यवस्था करने की मांग की है।