पृथ्वी दिवस का यही संदेश, पेड़ पौधों का हो गृह प्रवेश, वाराणसी में नमामि गंगे ने आयोजित किया वेबिनार

विश्व पृथ्वी दिवस पर नमामि गंगे की ओर से पृथ्वी के संरक्षण हेतु वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में वक्ताओं ने पृथ्वी के संरक्षण के लिए अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचे रहने व स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 10:10 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 10:10 PM (IST)
पृथ्वी दिवस का यही संदेश, पेड़ पौधों का हो गृह प्रवेश, वाराणसी में नमामि गंगे ने आयोजित किया वेबिनार
विश्व पृथ्वी दिवस पर नमामि गंगे की ओर से पृथ्वी के संरक्षण हेतु वेबिनार का आयोजन किया गया।

वाराणसी, जेएनएन। विश्व पृथ्वी दिवस पर नमामि गंगे की ओर से पृथ्वी के संरक्षण हेतु वेबिनार  का आयोजन किया गया। वेबिनार  में वक्ताओं ने पृथ्वी के संरक्षण के लिए अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि कोरोना काल में घर से बाहर कम से कम निकलना ही संक्रमण से बचे रहने व स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित है। कोविड गाइडलाइन के तहत इन दिनों स्कूल कॉलेज भी बंद चल रहे हैं।

साप्ताहिक बंदी के दौरान भी दो दिनों का अवकाश मिल रहा है। तो क्यों न इस खाली समय का कुछ उपयोग अपनी पृथ्वी के संरक्षण के लिए करें। आइये बच्चों व परिवारजनों के हृदय में पर्यावरण के प्रति सजगता का भाव विकसित करें।आवश्यकता है घरों में रहकर खाली स्थानों व छतों पर बागवानी, जल संरक्षण आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर काम करने की। इस धरा के प्रति अपने व्यक्तिगत जिम्मेदारी का निर्वहन कर ही हम पृथ्वी दिवस की सार्थकता को बनाये रख सकेंगे।वर्तमान कोरोना महामारी के दौर ने भी हमे अपने औषधीय पेड़-पौधों की महत्ता व उनकी उपस्थिति के साथ ही संरक्षण, संवर्धन पर पुनर्विचार करने की सीख दी है। अब इन पेड़ पौधों का गृह प्रवेश यानी अपने-अपने घरों में स्थान देना वर्तमान समय की मांग है।

इस संकट काल मे यही पेड़ पौधे हमारे लिए जीवन रक्षक साबित हो रहे हैं। साथ ही बागवानी में समय व्यतीत करने से तनाव से मुक्ति व सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है। आज कोरोना पीड़ितों के लिए लगातार बढ़ रहे आक्सीजन की मांग ने एक बार पुनः साबित कर दिया कि पेड़ पौधों के साथ-साथ अन्य वनस्पतियों जीवों का संतुलित मात्रा में रहना कितना श्रेयस्कर है। ऑनलाइन हुए वेबीनार में सभी ने एक सहमति से ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने और उसके संरक्षण की बात कही । प्रमुख रूप से काशी प्रांत के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि पृथ्वी पर जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है, यहां प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन, बढ़ते असंतुलन के कारण वो दिन अब दूर नहीं है जब पृथ्वी पर रहने का स्थान नहीं बचेगा ‌।

पेड़ पौधों के लिए भी पृथ्वी पर स्थान घटता जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि सही समय पर सभी लोग जाग जाएं और अपनी जिम्मेदारियों को समझें और पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्य निभाएं इसी उद्देश्य के साथ पिछले 50 सालों से संपूर्ण विश्व में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। प्रतिवर्ष विश्व पृथ्वी दिवस के लिए एक विषय निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष की थीम पृथ्वी को पुनर्स्थापित करना रखी गई है। पृथ्वी को स्वस्थ बनाने के लिए, उसको पहले की तरह बनाने के लिए जो कुछ भी विश्व कर सकता है, उस पर विचार किया जाएगा। आयोजन में काशी प्रांत के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर संयोजक शिवदत्त द्विवेदी, महानगर सहसंयोजक शिवम अग्रहरी, रामप्रकाश जायसवाल, सीमा चौधरी, सत्यम जायसवाल, प्रीति जायसवाल, रश्मि साहू, सारिका गुप्ता, पुष्पलता वर्मा सहित कई सदस्यों ने सहभागिता की ।

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