वाराणसी में भाई-भाई और पड़ोसी से नहीं होगा संपत्ति का विवाद, गांवों में ड्रोन से हो रहा सर्वे
अब भाई से भाई या पड़ोसी से जमीन का विवाद नहीं होगा। खेत प्लाट और मकान का विवाद खत्म करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से सर्वे कराने के साथ उसे डिजिटिलाइजेशन किया जा रहा है। ड्रोन कैमरे से उसकी फोटोग्राफी कराई जा रही है
जागरण संवाददाता, वाराणसी । अब भाई से भाई या पड़ोसी से जमीन का विवाद नहीं होगा। खेत, प्लाट और मकान का विवाद खत्म करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से सर्वे कराने के साथ उसे डिजिटिलाइजेशन किया जा रहा है। ड्रोन कैमरे से उसकी फोटोग्राफी कराई जा रही है। इसके लिए तहसील स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है। तहसील कर्मी निजी एजेंसी के साथ गांव-गांव और बस्ती-बस्ती एक-एक आराजी नंबर व प्लाट को अपलोड कर रहे हैं। डिजिटिलाइजेशन होने के साथ कोई भी संपत्ति मालिक विश्व के किसी कोने में रहते हुए अपनी संपत्ति के बारे में जानकारी हासिल कर सकेगा।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत 346 ग्राम, दूसरे चरण में 232, तीसरे चरण में 1001 तथा चतुर्थ चरण मों 427 गांवों को लिया गया है। उसी के मुताबिक गांवों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे कर डिजिटिलाइजेशन किया जा रहा है। इसमें भारतीय सर्वेक्षण विभाग तेजी से काम कर रहा है।
कोई बदलाव होने पर दिखेगा
खाली जमीन में निर्माण, मकान में कोई बदलाव और ऊंचाई होने के साथ साफ दिखाई पड़ेगा। ऐसे में घर बैठे भू-स्वामी अपने संपत्ति का निगरानी कर सकेगा। इसके लिए भवन स्वामी को कोड दिया जाएगा या सार्वजनिक वेबसाइट होगी, इसको लेकर मंथन चल रहा है। हालांकि, जिला प्रशासन का कहना है कि जिला प्रशासन की वेबसाइट पर ज्यादा बेहतर होगा।
तहसीलों में गांवों की संख्या
तहसील सदर: 365 गांव
तहसील पिंडरा: 386 गांव
तहसील राजातालाब: 397 गांव
इन गांवों के मिले नक्शे
-तहसील सदर को भारतीय सर्वेक्षण विभाग की ओर से 13 राजस्व गांवों के नक्शे मिले
-तहसील पिंडरा को भारतीय सर्वेेक्षण विभाग की ओर से 32 राजस्व गांवों के नक्शे मिले
-तहसील राजातालाब को भारतीय सर्वेक्षण विभाग की ओर से 19 राजस्व गांवों के नक्शे मिले
दो ड्रोन की संख्या
73 गांवों का तैयार हुआ अभिलेख
104 गांवों की संख्या प्रकाशित