विवेकानंद क्रूज से यात्रियों व माल की होगी आवाजाही, जलमार्ग प्राधिकरण जल्‍द ही वाराणसी प्रशासन को करेगा हस्तातंरित

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट अर्थ गंगा के सपनों को विवेकानंद क्रूज साकार करने को पटना से बनारस पहुंच गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 07:24 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 04:23 PM (IST)
विवेकानंद क्रूज से यात्रियों व माल की होगी आवाजाही, जलमार्ग प्राधिकरण जल्‍द ही वाराणसी प्रशासन को करेगा हस्तातंरित
विवेकानंद क्रूज से यात्रियों व माल की होगी आवाजाही, जलमार्ग प्राधिकरण जल्‍द ही वाराणसी प्रशासन को करेगा हस्तातंरित

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट अर्थ गंगा के सपनों को विवेकानंद क्रूज साकार करने को पटना से बनारस पहुंच गया है। आयुक्त के निरीक्षण के बाद जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा जिला प्रशासन को हस्तांतरित किया जायेगा। वाराणसी, गाजीपुर और मीरजापुर के बीच जल्द ही जल परिवहन शुरू होने जा रहा है। हालांकि माल ढुलाई का कार्य तो पहले ही शुरू हो गया है लेकिन अब माल के साथ यात्रियों की आवाजाही भी शुरू होगी। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा दिया गया क्रूज वाराणसी के खिड़कियां घाट तक पहुँच गया है। क्रूज देर रात रामनगर राल्हुपुर स्थित टर्मिनल पर पहुचने की संभावना है।

गंगा नदी में परिवहन बढ़ाने  को लेकर जलमार्ग प्राधिकरण ने रो पास योजना तैयार की है। जिसके तहत क्रूज चलाया जाएगा। जिसमे माल के साथ साथ यात्रियों को भी ले आया जाया सकेगा। इसके तहत मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर आदि जिलों में गंगा नदी पर जेटी बनाई जाएगी। इसके संचालन की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इस क्रूज की रफ्तार 12 से 15 किमी प्रति घंटे की होगी। रो पास योजना शुरू होने के बाद जल परिवहन के जरिये सस्ते किराए पर माल की लोडिंग अन लोडिंग विभिन्न जिलों में बनने वाली जेटी से होगी। फिलहाल केंद्र सरकार द्वारा दिया गया क्रूज पटना से चलकर वाराणसी पहुंचा है। इस योजना का मकसद गंगा के तटवर्ती इलाको में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। 

 

जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए रामनगर में टर्मिनल बनाया गया है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवम्बर 2018 में किया था। इस टर्मिनल से वाराणसी से हल्दिया के बीच जहाजों के जरिये माल ढुलाई का काम शुरू किया गया था। दो तीन बार कार्गो के जरिये माल भेजा भी गया। लेकिन पिछले एक साल से किसी भी तरह का कोई जहाज न आया न गया। बंदरगाह निर्माण होने के बाद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार बढ़ने की उम्मीदे बढ़ी थी। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के कार्यालय प्रभारी राकेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से क्रूज प्रदेश सरकार को मुहैया कराया गया है। जिसे जिला प्रशासन को हस्तांतरित किया जायेगा। इसके रखरखाव व देखभाल की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन की ही होगी। पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने कहा कि बुधवार को मंडलायुक्त द्वारा क्रूज का निरीक्षण किया जायेगा। इसके बाद तय होगा कि कहां कहां संचालन होगा और कितना शुल्क निर्धारित किया जायेगा।

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