भदोही जिले में सांसद निधि से लगी स्ट्रीट लाइट की होगी जांच, डीएम ने मांगी रिपोर्ट

भदोही जिला मुख्यालय मार्ग पर दुधिया प्रकाश व्यवस्था के लिए लाखों रुपये खर्च के बावजूद भी अंधेरा कायम है। वर्ष 2017-18 में मार्ग पर लगाई गई स्ट्रीट लाइट बुझ गई हैं। डीएम आर्यका अखौरी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए लोक निर्माण विभाग से रिपोर्ट मांगी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 08:58 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 08:58 PM (IST)
भदोही जिले में सांसद निधि से लगी स्ट्रीट लाइट की होगी जांच, डीएम ने मांगी रिपोर्ट
भदोही जिला मुख्यालय मार्ग पर दुधिया प्रकाश व्यवस्था के लिए लाखों रुपये खर्च के बावजूद भी अंधेरा कायम है।

भदोही, जागरण संवाददाता। मुख्यालय मार्ग पर प्रकाश व्यवस्था के लिए 33 लाख रुपये से लाइटें लगाई गई थी। अब इस मामले में शिकंजा कसने लगा है। दरअसल लखनो तिराहा से लेकर जिलाधिकारी के आवास तक अंधेरा छाया रहता है। लोक निर्माण विभाग को सांसद वीरेंद्र सिंह ने निधि से बजट जारी किया था। 

जिला मुख्यालय मार्ग पर दुधिया प्रकाश व्यवस्था के लिए लाखों रुपये खर्च के बावजूद भी अंधेरा कायम है। वर्ष 2017-18 में मार्ग पर लगाई गई स्ट्रीट लाइट बुझ गई हैं। डीएम आर्यका अखौरी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए लोक निर्माण विभाग से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही परियोजना निदेशक मनोज सिंह से जांच करने का निर्देश जारी किया है।

सासंद वीरेंद्र सिंह मस्त ने मुख्यालय मार्ग को रोशन करने के लिए निधि से 33 लाख रुपये जारी किया था। इसकी जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दिया गया था। लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं की लापरवाही से स्ट्रीट लाइट के पोल उखड़ गए। लखनो तिराहा से जिलाधिकारी के आवास तक लगे 70 पोल में एक भी समय नहीं है। जिलाधिकारी ने इस मामले में लाेक निर्माण विभाग से रिपोर्ट तलब की है। परियोजना निदेशक डीआरडीए ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की ओर से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। सांसद निधि से लगी स्ट्रीट लाइट खराब हो गई है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच करने को कहा है।

भ्रष्टाचार पर नहीं लग रहा लगाम : भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए लाख जतन के बाद भी निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है। जनपद मुख्यालय पर दिन और रात में खुद जिला कलेक्टर का आवागमन होने के बावजूद यदि नियमों की अनदेखी और मनमानी कर दी जाय, तो ग्रामीण क्षेत्रों और नगर की क्या स्थिति होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। हद तो तब हो जाती है जब आला अधिकारी के मार्ग से गुजरने के बावजूद उनकी नजर इन खामियों पर नहीं पड़ी। खास बात तो यह है कि अभी तक स्टीट लाइट हैंडओवर भी नहीं किया जा सका है।

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