वाराणसी के अस्सी घाट पर आरती को लेकर मचा घमासान, पंडा समाज ने आरती रोकने की घोषणा की

अस्सी घाट पर होने वाली गंगा आरती को लेकर घमासान शुरू हो गया है। यहां सुबह-ए-बनारस संस्था की ओर से नए अस्सी घाट पर गंगा आरती की नई परंपरा शुरू की गई है। पंडा समाज इसका विरोध कर रहा है। पंडा समाज ने आरती रोकने की घोषणा की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:47 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:47 PM (IST)
वाराणसी के अस्सी घाट पर आरती को लेकर मचा घमासान, पंडा समाज ने आरती रोकने की घोषणा की
सुबह ए बनारस के आध्यात्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए विशिष्‍टजन

जागरण संवाददाता, वाराणसी। अस्सी घाट पर होने वाली गंगा आरती को लेकर घमासान शुरू हो गया है। यहां सुबह-ए-बनारस संस्था की ओर से नए अस्सी घाट पर गंगा आरती की नई परंपरा शुरू की गई है। पंडा समाज इसका विरोध कर रहा है। पंडा समाज ने आरती रोकने की घोषणा की है। उनका कहना है कि यह धर्मसंगत नहीं है। इससे बाजारवाद को बढ़ावा मिल रहा है। प्राचीन काल से पंडा समाज के लोग ही घाटों पर गंगा आरती कर रहे हैं। सुबह-ए-बनारस संस्था की ओर से जो आरती शुरू की गई है, वह कुछ निजी लोगों द्वारा कराई जा रही है। पंडा समाज के रुख को देखते हुए पुलिस और प्रशासन अलर्ट है। इस वजह से शाम के समय अस्सी घाट पर पुलिस भी मौजूद रही।

आरएसएस के चंद्रशेखर मिश्र ने कहा कि सुबह-ए-बनारस द्वारा नित्य होने वाली मां गंगा आरती का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। वहीं सुबह-ए-बनारस संस्था के प्रमुख रत्नेश वर्मा ने पंडा समाज के विरोध को लेकर कहा कि आश्रय सेवा संस्था के द्वारा आरती कराई जा रही है। यह आरती पंडा समाज के ही लोग कर रहे हैं। उन्हें केवल धन से इस काम में हमारी ओर से मदद की जा रही है। आरती बाकायदा प्रशासन से अनुमति लेकर कराई जा रही है।

सुबह ए बनारस के आध्यात्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए विशिष्‍टजन, सात बटुकों ने की आरती

21 अक्टूबर 2021 को नए अस्सी घाट पर सुबह ए बनारस के आध्यात्मिक अनुष्ठान का कोरोना काल के उपरांत पुनः गरिमामय स्वरूप में आयोजन साकार हुआ प्रातः काल सप्तऋषियों के प्रतीक सात बटुकों ने मां गंगा जी की आरती की साथ मे मातृ चेतना की प्रतीक पाणिनि कन्या महाविद्यालय की ऋषिकन्याओ ने सुश्री संजीवनी के मार्गदर्शन में वैदिक मंत्रोच्चार का सस्वर पाठ किया इसके उपरांत गंगा जी को पुष्पंजली अर्पित की गयी तथा सूर्य को जल अर्घ्य अर्पित किया गया ।

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