बाढ़ से निबटने के लिए प्लान पर हुआ मंथन, वाराणसी के डीएम ने अब तक की तैयारियों की समीक्षा की

जिलाधिकारी ने गुरुवार की कैम्प कार्यालय पर बाढ़ की तैयारियों और बाढ़ का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार करने को लेकर बैठक की। गोताखोरों और नाविकों की बैठक कराने का भी निर्देश दिया। बाढ़ के समय पूर्व में काम आने वाली आवश्यक वस्तुओं का स्टाक चेक करा लिया जाए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 05:15 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 05:15 PM (IST)
बाढ़ से निबटने के लिए प्लान पर हुआ मंथन, वाराणसी के डीएम ने अब तक की तैयारियों की समीक्षा की
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने गुरुवार की कैम्प कार्यालय पर बाढ़ की तैयारियों को लेकर बैठक की।

वाराणसी, जेएनएन। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने गुरुवार की कैम्प कार्यालय पर बाढ़ की तैयारियों और बाढ़ का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार करने को लेकर बैठक की। इसमें अपर जिलाधिकारी वित्त, सभी उपजिलाधिकारी उपस्थित थे। जनपद में बाढ़ से निपटने के लिए वृहद रूप रेखा तैयार करने का निर्देश देते हुए पूछा कि सभी बाढ़ चौकियां निर्धारित हो गईं या नहीं। उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि तहसील कर्मचारियों की बैठक करा कर उन्हें बाढ़ की आपात स्थिति में किये जाने वाले कार्यों की जानकारी दें।

उन्होंने एडीएम वित्त को गोताखोरों और नाविकों की बैठक कराने का भी निर्देश दिया तथा यह सुनिश्चित करने को कहा जो गौताखोर और नाविक आपदा के समय अपनी सेवायें देने को तैयार हों उनकी सूची, मोबाइल नम्बर पता आदि सहित तैयार करा लें। ऐसे नाविकों की सेवायें कत्तई न ली जाय जिनकी नाव जर्जर हो और किसी भी दशा में न बाढ़ में चलने लायक न हों। इसके अलावा लाइफ जैकेट, फ्लोटिंग ट्यूब आदि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करा लिया जाए।

बाढ़ के समय पूर्व में काम आने वाली आवश्यक वस्तुओं का स्टाक चेक करा लिया जाए, लाइफ जैकेट, टार्च, त्रिपाल आदि कितनी मात्रा में उपलब्ध हैं और सही कंडीशन में हैं। बाढ़ राहत कैम्पों में सूखा अनाज, खाद्य सामग्री लाई,चना, बिस्कुट आदि वितरण करने, पेयजल के पाउच उपलब्ध कराने वाले वाले वेंडर्स अभी से तय करने का निर्देश दिया गया।

बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में स्थित गौशालाओं में शेड की व्यवस्था, बाउण्ड्री, खडंजा , भूसा, चारा आदि सभी चीजें जांच लेने का निर्देश मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को दिया।

बरसात के मौसम के साथ ही साथ उसके बाद बीमारियों के बचाव की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। इसके लिए फागिंग मशीन तथा सफाई व्यवस्था के लिए आवश्यक सामग्रियां आदि भी तैयार किये जाएं। गावों में वाटर लागिंग की समस्या को दूर कराये जाने का निर्देश दिया गया। बाढ़ अथवा आकाशीय बिजली के शिकार मृत लोगों के लिए ससमय आवश्यक कार्यवाही निर्धारित करने का भी निर्देश दिया।

बरसात के समय जर्जर मकानों की सूची तीनों तहसीलों में तैयार कराने हेतु एसडीएम को निर्देशित करते हुए एक सप्ताह में एप्रूवल लेकर गिराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

बैठक में गंगा नदी में की जा रही ड्रेजिंग के बारे में भी समीक्षा की गई। यह परियोजना गंगा में जल की मात्रा अधिक हो जाने पर एक अन्य धारा से जल निकासी और घाटों का नीचे से क्षरण रोकने के लिए बनाई गई है। इसमें यह जानकारी प्राप्त हुई है कि कांट्रेक्टर ने मुख्य धारा की तरफ भी मिट्टी खोद कर डाल दी है। पाया गया कि यह कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का उल्लंघन है और प्रथम दृष्टया ये लगता है कि कार्य के वर्क इन्चार्ज यूपी पीसीएल के विभागीय अभियंता व कांट्रेक्टर द्वारा इसमें समय समय पर पर्यवेक्षण नहीं किया गया। इनको नोटिस जारी करके एक सप्ताह में ये मिट्टी दूसरी तरफ शिफ्ट कराई जाए। खोदी गई मिट्टी के बंधे जैसे रूप से कई लोगो मे भ्रम की स्थिति बनी हुई है अतः खनन विभाग द्वारा दोनों तरफ की खोदी गई मिट्टी की नीलामी के लिए जो टेंडर जारी किया गया है उसको जल्दी फाइनल कराएं और उसके निकले हुए विज्ञापन का व्यापक प्रचार प्रसार कराएं ताकि ज्यादा से ज्यादा फर्म उसमे प्रतिभाग कर सके व ज्यादा धनराशि सरकार को प्राप्त हो सके। जो भी टेंडर प्राप्त करे वह फर्म कार्य मिलते ही अगले 10 दिन के भीतर उठाये ताकि वर्षा से नुकसान ना हो।

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