कोरोना संक्रमण के कारण घर लौट रहे श्रमिकों के लिए अबकी वाराणसी में रोजी-रोटी का भी इंतजाम नहीं

कोविड की दूसरी लहर में श्रमिक धीरे-धीरे फिर शहर छोड़ गांव आने लगे हैंं। लेकिन इस बार मदद के नाम पर कुछ भी मुहैया नहीं हो रहा है। श्रमिकों के पास जॉब कार्ड तो है लेकिन राशन की दुकान से खाद्यान्न की आस नहीं है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 09:32 AM (IST)
कोरोना संक्रमण के कारण घर लौट रहे श्रमिकों के लिए अबकी वाराणसी में रोजी-रोटी का भी इंतजाम नहीं
श्रमिकों के पास जॉब कार्ड तो है लेकिन राशन की दुकान से खाद्यान्न की आस नहीं है।

वाराणसी, जेएनएन। कोविड की पहली लहर में जब लॉकडाउन लगा तो शासन ने भी राहत के तमाम उपाय किए। मुंबई, दिल्ली, गुजरात समेत अन्य दूर- दराज के शहरों से घर लाैटने वाले श्रमिकों को आत्म निर्भर योजना व पीएम गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत राशन की दुकानों से गेहूं , चावल और चना तक मुहैया कराया गया। मनरेगा में काम भी दिया गया। सब कुछ सामान्य हुआ तो दोनों योजनाएं बंद कर दी गईं। श्रमिकों को मनरेगा रास नहीं आई, इसलिए श्रमिक भी शहर को लौट गए।

कोविड की दूसरी लहर में श्रमिक धीरे-धीरे फिर शहर छोड़ गांव आने लगे हैंं। लेकिन इस बार मदद के नाम पर कुछ भी मुहैया नहीं हो रहा है। श्रमिकों के पास जॉब कार्ड तो है लेकिन राशन की दुकान से खाद्यान्न की आस नहीं है। कोटेदारों का साफ कहना है कि इस बाबत कोई आदेश नहीं मिला है। पात्र गृहस्थी कार्ड धारक व अंत्योदय कार्ड धारक को ही राशन देने का आदेश है। पात्र गृहस्थी कार्ड धारक को तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल प्रति व्यक्ति तो अंत्योदय कार्डधारक को 35 किलो खाद्यान्न देने का प्राविधान है। अंत्योदय कार्डधारक को बीस किलो गेहूं व 15 किलो चावल दिया जा रहा है।

गांवों में श्रमिकों की बढ़ रही संख्या

हरहुआ ब्लाक के चक्का गांव के प्रधान प्रतिनिधि दिनेश गोंड़ ने बताया कि गांव में धीरे धीरे शहर से पलायन कर श्रमिक आने लगे हैं। मुंबई में इडली, समोसा समेत अन्य कारोबार से जुड़े एक दर्जन से अधिक परिवार घर लाैट आएं हैं। काम की तलाश में इधर- उधर भटक रहे हैं। गांव में रोजी रोटी का कोई इंतजाम नहीं है। माहौल ठीक होगा तो पुन: वापस चले जाएंगे।

वितरण पांच से 20 तक तारीख के बीच

राशन की दुकानों से खाद्यान्न वितरण की पहले से तिथि निर्धारित है। कोटेदारों को पांच व बीस तारीख के बीच हरहाल में खाद्यान्न वितरण करना अनिवार्य होता है। ऐसा न करने पर ई पॉस मशीन आनलाइन बंद हो जाती है। इसके बाद खाद्यान्न वितरण नहीं हो सकता है।

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