बीएचयू के ट्रामा सेंटर में एचआइएमएस सुविधा नहीं, बढ़ती है पादर्शिता और आनलाइन सुविधाएं
पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के ट्रामा सेंटर में अभी तक एचआइएमएस (हास्पिटल इंफारमेशन मैनेजमेंट सिस्टम) लागू नहीं हो पाया है। वहीं बीएचयू के ही सर सुंदरलाल चिकित्सालय में यह सुविधा कई वर्षों से संचालित हो रही है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ट्रामा सेंटर में अभी तक एचआइएमएस (हास्पिटल इंफारमेशन मैनेजमेंट सिस्टम) लागू नहीं हो पाया है। वहीं बीएचयू के ही सर सुंदरलाल चिकित्सालय में यह सुविधा कई वर्षों से संचालित हो रही है। इस सिस्टम के लागू होने से पादर्शिता तो बढ़ती है ही साथ ही तमाम सुविधाएं आनलाइन भी होती है।
इस बाबत पूर्व से ही तैयारियां होने के बाद भी इसे अमलीजामा पहनाया नहीं जा सका। लिहाजा कोरोना काल के बाद बीएचयू अस्पताल खुला तो पूर्वांचल ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से भी आने वालों की भीड़ दोबारा जुटने लगी है। माना जा रहा है कि इसका अनुपालन करने के लिए इच्छाशक्ति मात्र की कमी थी अन्यथा व्यवस्था को लागू करने के बाद भी अनुपालन न हो पाना काफी चिंताजनक है।
मालूम हो कि बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में हर मरीज को पर्ची कटाने के दौरान एमआरडी नंबर मिला है। इसी नंबर के आधार पर उपचार एवं जांच की सारी प्रक्रिया होती है। मरीज जब कोई जांच कराता है तो इसका विवरण संबंधित चिकित्सक अपनी चैंबर में बैठे ही अपने सिस्टम से देख सकता है। खासकर सीटी स्कैन की जांच। वहीं ट्रामा सेंटर में यह व्यवस्था नहीं है, जबकि इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में ही किया था। उसके बाद से ही एचआइएमएस को लेकर प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन यह असफल ही हो रही है।
अब ट्रामा सेंटर के नवागत आचार्य प्राभारी प्रो. सौरभ सिंह से उम्मीद जगी है कि वे इस सिस्टम को जल्द लागू कराएंगे। बताया जा रहा है कि अगर ट्रामा सेंटर से पर्ची कटाए है और सर सुंदरलाल अस्पताल में जांच या उपचार कराना चाहते हैं तो आपको फिर से दूसरी पर्ची कटानी पड़ेगी। कारण कि ट्रामा सेंटर की पर्ची में एमआरडी (मेडिकल रिकार्ड डिपार्टमेंट) नंबर ही नहीं रहता है।