वाराणसी में टाटा कैंसर अस्पताल में एचडीएफसी बैंक की पहल पर थेरोप्यूटिक ड्रग मानिटरिंग
कैंसर मरीजों को एक नई सुविधा की सौगात देते हुए महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र (एमपीएमएमसीसी) में जल्द ही थेराप्यूटिक ड्रग मानिटरिंग टेस्ट की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए गुरुवार को महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं एचडीएफसी बैंक के तहत एक करार किया गया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : कैंसर मरीजों को एक नई सुविधा की सौगात देते हुए महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र (एमपीएमएमसीसी) में जल्द ही थेराप्यूटिक ड्रग मानिटरिंग टेस्ट ( चिकित्सकीय दवा निगरानी जांच) की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए गुरुवार को महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं एचडीएफसी बैंक के तहत एक करार किया गया। इसके तहत एचडीएफसी बैंक के सीएसआर एक्टिविटी (परिवर्तन) के अंतर्गत अस्पताल को 1.5 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी, जिसका इस्तेमाल अस्पताल में थेराप्यूटिक ड्रग मानिटरिंग टेस्ट सहित अन्य सुविधाओं को शुरू करने में किया जाएगा।
यह होता है लाभ
इलाज के दौरान कैंसर मरीजों को दी जाने वाली दवाइयों और इनके परिणामों की निगरानी करना काफी जरूरी होता है। किस मरीज को दवा की कितन मात्रा (डोज) देनी है इसकी जांच के लिए थेराप्यूटिक ड्रग मानिटरिंग टेस्ट की सुविधा का होना बेहद जरूरी है। इससे न केवल मरीज को दी जाने वाली दवाई की सही मात्रा का पता चलता है, बल्कि दवा की मात्रा के कारण होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में भी जानकारी मिलती है। अस्पताल में फिलहाल इस जांच के लिए मरीजों का सैंपल मुंबई भेजे जा रहा है, लेकिन एमपीएमएमसीसी में इसकी शुरुआत होने से मरीजों का सैंपल यहीं जांचा जा सकेगा। इससे न केवल मरीजों को फायदा होगा, बल्कि जांच में लगने वाले में समय में भी कमी आएगी।
एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच के बायोकेमेस्ट्री विगाभ की प्रभारी डॉ. प्रतिभा गवेल ने बताया कि किसी भी बीमारी में मरीजों को दी जाने वाली दवाओं की मात्रा की निगरानी बेहद अहम है। मरीज जब कैंसर से जूझ रहा हो तो इसकी भूमिका और भी बढ़ जाती है। अगर इलाज के दौरान मरीज को दी जाने वाली दवा की मात्रा कम होती है, तो इससे दवा का प्रभाव कम होता है। साथ ही अगर दवा की मात्रा अधिक हो जाए तो इससे मरीज के शरीर पर दुस्प्रभाव भी पड़ सकता है, इसलिए मरीज को दी जाने वाली दवा का सही मात्रा जानना बेहद जरूरी है।
उपरोक्त अनुबंध के मौके पर एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच के निदेशक डा. सत्यजीत प्रधान ने एचडीएफसी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि कैंसर मरीजों को समय पर इलाज देने के साथी ही समुचित इलाज भी बेहद जरूरी होता है। इस सुविधा के शुरू होने से उत्तर प्रदेश सहित पड़ोसी कैंसर राज्यों को भी लाभ मिलेगा। साथ ही शोध के नजरिए से भी यह जांच अस्पताल के लिए काफी अहम रहेगा। इस करार के मौके पर एचडीएफसी बैंक से सर्किल प्रमुख मनीष टंडन, क्लस्टर प्रमुख अखिलेश शुक्ला, वैभव त्रिपाठी अदि मौजूद थे। संचालन बैंक अधिकारी अभिशेष सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
बैंक के सर्किल हेड मनीष टण्डन ने कहा कि बैंक पर आप सभी का विश्वास और आपकी आत्मीयता ही बैंक की पूंजी है, और जिस समाज से हमारी पहचान है, उस समाज को वापिस देना हमारा नैतिक धर्म और कर्तव्य है, हम पूर्व में भी विषम परिस्थितियों में भी अपने दृढ़ संकल्प और सामर्थ्य से योगदान और सहयोग करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।वाराणसी जिसे सर्व विद्द्या, धर्म और संस्कृति की राजधानी मानते हैं हम सभी, उसको उत्कृष्ट बनाये रखने का सपना महामना जी ने देखा था और उनके इसी दर्शन को साकार करने के लिए, वाराणसी को सर्वश्रेष्ठ बनाये रखने के लिए हम अपने ब्रांच बैंकिंग हेड अखिलेश राय के दिशानिर्देश पर निरंतर अपना योगदान कर रहे हैं।
बैंक की ओर से निरंतर होते रहते हैं समाज कार्य
• बीएचयू स्तिथ ट्रामा सेंटर में, तीमारदारों के लिये 1.5 करोड़ से आश्रय का निर्माण।
• बीएचयू अस्पताल और जिला अस्पताल को वेंटिलेटर और पोर्टेबल वेंटिलेटर मुहैया किया।
• बीएचयू में छात्रों को प्रोत्साहित करने और स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए 50 लाख का अनुदान दिया।
• वाराणसी सहित, प्रदेश के तीन अन्य जनपदों में ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण किया
• प्राथमिक विद्यालय का जीर्णोद्धार एवं स्मार्ट स्कूल, पुस्तकालय और प्रयोगशाला का निर्माण।
• सर्वशिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के लिए जागरूकता अभियान।
• गांवों में आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कैम्प का आयोजन।
• वैश्विक महामारी में हज़ारो ज़रूरतमंदों को अन्न-राशन मुहैया कराया।
• वैश्विक महामारी के दौरान सुदूर इलाको और ग्रामीण क्षेत्रों में हज़ारों परिवारों को आवश्यक दवाएं और मेडिकल किट ( ऑक्सिमीटर, थर्मल स्कैनर) मुहैया कराया।
• मलिन बस्तियों में राशन, दवाएं और सेनेटरी पैड का वितरण किया।
• रैन बसेरा और बीएचयू परिसर में ज़रूरतमंदों और तीमारदारों को कंबल वितरित किया।