चंदौली जिले में कोरोना काल में बढ़ा टाइफाइड और मलेरिया का खतरा

चंदौली जिले में कोरोना काल में मलेरिया व टायफाइड का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में मलेरिया विभाग अलर्ट हो गया है। जिले में अभियान चलाकर मरीजों को चिह्नित किया जाएगा। उनका ब्लड सैंपल लेकर स्लाइड तैयार की जाएगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 08:01 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 08:01 PM (IST)
चंदौली जिले में कोरोना काल में बढ़ा टाइफाइड और मलेरिया का खतरा
चंदौली जिले में कोरोना काल में मलेरिया व टायफाइड का खतरा बढ़ गया है।

चंदौली, जेएनएन। कोरोना काल में मलेरिया व टायफाइड का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में मलेरिया विभाग अलर्ट हो गया है। जिले में अभियान चलाकर मरीजों को चिह्नित किया जाएगा। उनका ब्लड सैंपल लेकर स्लाइड तैयार की जाएगी। विशेष अभियान के दौरान मरीजों को चिकित्सा सुविधा व दवा उपलब्ध कराई जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग ने जून को मलेरिया माह के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए टीम का गठन किया गया है। स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करेंगे। साथ ही मच्छररोधी दवा आदि का वितरण करेंगे। सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों की मलेरिया की निश्शुल्क जांच की जाएगी। आशा कार्यकर्ता और एएनएम के सहयोग से जलभराव वाले इलाकों में दवा के छिड़काव और मरीजों के स्वास्थ्य की निगरानी करेंगी। जिन मरीजों को सर्दी, जुकाम, बुखार की समस्या होगी। उन्हें अस्पताल भेजकर जांच कराई जाएगी। यदि मलेरिया की पुष्टि हुई तो उनका समुचित इलाज और दवा दी जाएगी। ताकि कोरोना काल में मलेरिया व टायफाइड चुनौती न बन जाए।

हर रविवार, मच्छर पर वार

विभाग की ओर से हर रविवार मच्छर पर वार अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान जलजमाव, मच्छरों के पनपने वाले स्थानों पर मच्छर रोधी दवा का छिड़काव किया जाएगा। साथ ही ग्रामीण इलाकों में व्यापक स्तर पर सफाई होगी। लोगों को कूलर, बर्तन आदि में ज्यादा दिन तक पानी जमा न होने देने और नालियों की सफाई कराई जाएगी। इसकी जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की स्वास्थ्य समितियों को सौंपी जाएगी।

जानें क्या हैं मलेरिया के लक्षण

सहायक जिला मलेरिया अधिकार राजीव सिंह ने बताया, मलेरिया में व्यक्ति को ज्यादा देर तक बुखार आता है। नियमित तीन से चार घंटे तक लोग बुखार की चपेट में रहते हैं। मलेरिया 10 से 12 दिन तक व्यक्ति को प्रभावित करता है। मलेरिया में तेज बुखार के साथ ठंड लगना, उल्टी, दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना, सिरदर्द, शरीर में जलन तथा कमजोरी महसूस होती है। बताया कि इस साल अब तक ब्लड सैंपल लेकर 8310 स्लाइड बनाई गई है। लोग घरों में सफाई रखें, कूलर की सप्ताह में एक बार सफाई करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, घर में मौजूद पुराने बर्तनों, टायरों एवं खाली गमलों इत्यादि में पानी जमा न होने दें और मच्छरदानी का उपयोग करें। इससे काफी हद तक राहत मिलेगी।

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