पूर्वाचल में संभावनाएं अपार, आयकर में छूट की दरकार
जागरण संवाददाता वाराणसी पूर्वाचल में उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। आयात-निर्यात बढ़ रहा ह
जागरण संवाददाता, वाराणसी :
पूर्वाचल में उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। आयात-निर्यात बढ़ रहा है। मैन पावर सहित तमाम संसाधन भी यहां हैं लेकिन जरूरत है तो सिर्फ सरकार की ओर से राहत पैकेज की। कोरोना काल में जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उद्योग एवं व्यापार को संजीवनी दी गई उसी तरह फिर से प्रोत्साहन की जरूरत है। देश में सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है और पूर्वाचल यूपी का सबसे बड़ा हिस्सा है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि यहां के उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष फोकस करे। साथ ही बजट में आयकर में छूट दी जाएं। इस संबंध में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आइआइए) की ओर से वित्तमंत्री को एक पत्र भेजा गया है।
आइआइए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने बताया कि काशी के सांसद एवं पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विगत कुछ वर्षो में आयकर कानूनों को पारदर्शी एवं सरल बनाने के साथ ही विकास की रीढ़ एमएसएमई को सुदृढ़ बनाया गया है। इसके कारण देश की अर्थ व्यवस्था पटरी पर आ रही रही है, जो राजस्व व जीडीपी के आंकड़ों से स्पष्ट दिखाई दे रही है। हालांकि यह काफी नहीं है। सरकार से मांग की गई कि आयकर की दरों को तर्कसंगत बनाते हुए कारपोरेट की तर्ज पर पार्टनरशिप व प्रोपराइटरशिप फर्म को भी 22 फीसद के स्लैब में रखा जाए। नई मैन्युफैक्चरिग इकाइयों एवं स्टार्टअप से स्पद्र्धा लेनी पड़ रही है। उन्होंने मांग की कि फूड पार्क के बाहर स्थापित फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को भी अनुदान दिया जाए।
प्रमुख मांगें --
-पूर्वाचल के समग्र विकास के लिए पैकेज दिया जाए।
- आयात-निर्यात के लिए फ्रेट सब्सिडी बढ़ाई जाए।
- कोविड के कारण लाकडाउन की अवधि का बैंक ब्याज माफ किया जाए।
-लैंड लाक्ड एरिया के लिए भाड़े में अनुदान मिले।