हद है, वेंटिलेटर नॉट वर्किंग... BHU ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में 27 बेड पर केवल 15 वेंटिलेटर

इस मुद्दे पर ट्रामा सेंटर के इंचार्ज प्रो. एस के गुप्ता ने बताया कि उन्हें जो भी वेंटिलेटर मिले हैं उनके फ्लो सेंसर और सर्किट खराब हैं। दीनदयाल अस्पताल में शायद उपयोग किए हुए या रखे हुए वेंटिलेटर हमें दिए गए।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 12:51 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 12:51 PM (IST)
हद है, वेंटिलेटर नॉट वर्किंग... BHU ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में 27 बेड पर केवल 15 वेंटिलेटर
बीएचयू को जो भी वेंटिलेटर मिले हैं उनके फ्लो सेंसर और सर्किट खराब हैं।

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर को जिला प्रशासन द्वारा दिये गए 14 वेंटिलेटर में से कई काम कर रहे हैं, मगर अस्पताल प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है कि सभी वेंटिलेटर रद्दी हैं। उनके सर्किट और फ्लो सेंसर खराब हैं। सूत्रों के हवाले से मिली सूचना के मुताबिक वेंटिलेटर में जो खराबी है उसके लिए तमाम इंजीनियर हैं जो एक ही झटके में सही कर देंगे, मगर लापरवाही व अज्ञात कारणों के चलते उनकी रिपेयरिंग ही नहीं कराई जा रही है। वहीं ट्रॉमा सेंटर में कुल 27 आईसीयू बेड हैं, जबकि प्रोफेसर इन चार्ज डॉ. एस के गुप्ता के अनुसार ट्रॉमा सेंटर में कुल 15 वेंटिलेटर ही हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या बाकी के 12 बेड बिना वेंटिलेटर के रखे गए हैं। 

कोरोना के कारण बीएचयू के सर सुंदरलाल और ट्रॉमा सेंटर में कई कोरोना पीड़ित विगत दिनों वेंटिलेटर के इंतजार में अपनी जान गवां चुके हैं, उधर ट्रॉमा सेंटर में 14 वेंटिलेटर चौदह दिनों से एक कमरे में धूल फांक रहे हैं। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश पर पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वी शुक्ला ने ट्रॉमा सेंटर को ये सभी वेंटिलेटर 22 अप्रैल को सुपुर्द किए थे। मगर तब से वेंटिलेटर मरीजों की जान बचाने के बजाय ट्रॉमा सेंटर के एक स्टोर रूम की शान बढ़ा रहे हैं। बता दें, बीएचयू में कुल 366 बेड कोरोना में लगे हैं, जिनमें से आइसीयू में 90 वेंटिलेटर लगे हुए हैं। वहीं हर कोरोना वार्ड के अलग-अलग फ्लाेर के लिए पोर्टेबल वेंटिलेटर भी हैं। जबकि ट्रॉमा सेंटर में 90 और आइसीयू में 15 बेड पर इतने ही वेंटिलेटर हैं।

बीएचयू को नहीं मिल रहा इंजीनियर

इस मुद्दे पर ट्रामा सेंटर के इंचार्ज प्रो. एस के गुप्ता ने बताया कि उन्हें जो भी वेंटिलेटर मिले हैं उनके फ्लो सेंसर और सर्किट खराब हैं। दीनदयाल अस्पताल में शायद उपयोग किए हुए या रखे हुए वेंटिलेटर हमें दिए गए। वेंटिलेटर आने के एक दिन बाद फ्लो सेंसर और सर्किट खराब हमें मिला और इन्हें जब लगाकर चलाने की कोशिश की गई तो यह चला ही नहीं। इनकी मरम्मत के लिए हमने कस्टमर सपोर्ट नंबर पर कॉल और मेल दोनों किया, मगर अभी तक उनका उनका कोई इंजीनियर नहीं आया है। वहीं इसकी एक कॉपी हमने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजकर इस तकनीकी समस्या के बारे में सूचित किया है, मगर अभी कोई आया नहीं। दो-तीन बार मेल कर रिमाइंडर भी दे चुके हैं लेकिन कहा जाता है हमारे इंजीनियर अभी व्यस्त हैं। हालांकि आइआइटी-बीएचयू से बुलाकर किसी इंजीनियर से इसकी मरम्मत कराई जा सकती है। 

सारे वेंटिलेटर ठीक 

जबकि जिलाधिकारी पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. वी शुक्ला का कहना है कि कंपनी द्वारा जिस हालात में पैक्ड वेंटिलेटर हमें प्रदान किया गया था, वैसे ही बीएचयू को भेज दिया गया। अब बीएचयू को चाहिए कि उसकी मरम्मत करवाये।

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