आजमगढ़ में दारुल ओलूम देवबंद के मोहद्दिस मौलाना हबीबुर्रहमान का इन्तकाल

मशहूर आलिमे दीन मौलाना हबीबुर्रहमान आज़मी (मोहद्दिस दारुल ओलूम देवबन्द) का गुरुवार को दिन में 1230 बजे निजी अस्पताल फूलपुर में इन्तकाल हो गया। इन्तकाल की खबर मिलते ही उनके पैतृक आवास जगदीशपुर गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 02:30 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 02:30 PM (IST)
आजमगढ़ में दारुल ओलूम देवबंद के मोहद्दिस मौलाना हबीबुर्रहमान का इन्तकाल
इन्तकाल की खबर मिलते ही उनके पैतृक आवास जगदीशपुर गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

आजमगढ़, जेएनएन। फूलपुर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी मशहूर आलिमे दीन मौलाना हबीबुर्रहमान आज़मी (मोहद्दिस दारुल ओलूम देवबन्द) का गुरुवार को दिन में 12:30 बजे निजी अस्पताल फूलपुर में इन्तकाल हो गया। इन्तकाल की खबर मिलते ही उनके पैतृक आवास जगदीशपुर गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

वह देवबंद में एक अच्छे मोहद्दिस की हैसियत से शोहरत रखते थे और दारुल ओलूम से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका "दारुल ओलूम" के अधिक समय तक संपादक रहे। उन्होंने आजमगढ़ के ओलमा की खिदमात पर एक पुस्तक "तजकेरा उलमा आज़मगढ़" लिखी जो बहुत ही प्रसिद्ध हुई। कुछ दिनों पहले उन्होंने उसका नया एडीशन जारी किया। वे एक तंज़ीमी, तहरीकी शख्स थे। दारुल ओलूम देवबंद का नया निज़ाम कायम करने में पेश पेश थे। अंत तक उसका हिस्सा बने रहे। मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि वे इससे पूर्व कई मदरसों में शिक्षक रहे। इनके इन्तेकाल से दारुल ओलूम एक अच्छे मोहद्दिस से महरूम हो गया।

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