मूर्तियां पंडालों से जल विसर्जन के लिए रवाना हुईं तो अबीर गुलाल के साथ देवी के लगे जयकारे
सोमवार को मूर्तियां पंडालों से जल विसर्जन के लिए रवाना हुईं तो आस्थावानों ने हर हर महादेव के साथ ही जय मां दुर्गे का नारा लगाकर मां को अगले साल वापसी के लिए नम आंखों से विदायी दी। अबीर गुलाल के साथ देवी के जयकारों ने माहौल भक्तिमय कर दिया।
वाराणसी, जेएनएन। विजयदशमी पर मां दुर्गा की पंडालों में स्थापित मूर्तियों का विसर्जन रविवार से शुरू हुआ तो सोमवार को भी क्रम चलता रहा। सोमवार की सुबह मूर्तियां पंडालों से जल विसर्जन के लिए रवाना हुईं तो आस्थावानों ने हर हर महादेव के साथ ही जय मां दुर्गे का नारा लगाकर मां को अगले साल वापस आने के लिए नम आंखों से विदायी दी। वहीं अबीर गुलाल के साथ देवी के जयकारों ने माहौल भक्तिमय कर दिया।
काशी क्षेत्र पूर्वांचल में मां दुर्गा की मूर्तियां कोरोना काल की वजह से कम ही स्थानों पर स्थापित हुई थी। लिहाजा, नदियों और नहरों में कम मूर्तियां ही इस बार विसर्जित की गईं। दो दिनों की विजय दशमी का मान होने की वजह से सोमवार को भी दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इसके अलावा मूर्तियों का आकार भी इस बार छोटा होने और कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों की संख्या भी विसर्जन जुलूस में कम रही। आस्थावानों के जयकारों के बीच देवी की विदायी हुई तो देवी गीतों का भी दौर चला।