कोरोना काल में उद्योग संचालन के लिए काशी के उद्यमियों ने किया मंथन, जताई अपनी अपेक्षाएं

वाराणसी जिले में आइआइए की एक ऑनलाइन बैठक पूर्वांचल में उद्योग को सुचारू रूप से चलाने में आ रही समस्याओं को ममुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने लाने हेतु आईआईए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 03:18 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 03:29 PM (IST)
कोरोना काल में उद्योग संचालन के लिए काशी के उद्यमियों ने किया मंथन, जताई अपनी अपेक्षाएं
आईआईए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

वाराणसी, जेएनएन। आइआइए की ऑनलाइन बैठक पूर्वांचल में उद्योग को सुचारू रूप से चलाने में आरही समस्याओं को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने लाने हेतु आईआईए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। बैठक के प्रारम्भ में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने सभी उद्यमी साथियों से अपने उद्योग परिसर में उत्पादन करते हुए सावधानी/ सतकर्ता के साथ कोविड के सभी नियमों का पालन करने की अपील की, उन्होंने कहा कि यह महामारी पहले कि अपेक्षा ओर भीषण रूप ले रही है जिसके लिए हम सभी को सावधानी बरतना होगा। प्रदेश में एमएसएमई के उन्नयन एवं संवर्धन हेतु लगातार किये जा रहे प्रयास से एमएसएमई सेक्टर प्रगति कर रहा है, परन्तु प्रयास के सापेक्ष यह प्रगति जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन की धीमी गति के कारण कम हो पा रही है। 

1.बिजली- आप द्वारा उद्योग के कनेक्शन ऑनलाइन करने के बावजूद विधुत विभाग का पोर्टल ही काम नही करता जिसके कारण नए उद्योगों अधिभार संयोजन का इस्टीमेट जमा करने में अत्यंत परेशानी होती है | निवेश मित्र पोर्टल पर आप द्वारा प्रदान कि गयी 72 घन्टे वाली योजना भी पूर्णरूप से कार्य नही कर रही है | इसी प्रकार इलेक्ट्रिक ड्यूटी पर मिलने वाली छुट हेतु उद्यमी उद्योग विभाग से बिजली सुरक्षा विभाग तक के चक्कर लगाने में अपनी उर्जा खपा रहा है। आप द्वारा इन सभी व्यवस्थाओ का सरलीकरण कर ऑनलाइन करने के बावजूद इसका यथोचित लाभ उद्यमियों को नही मिल पा रहा है। निवेश मित्र पोर्टल बराबर काम ही नही कर रहा है।

2.प्रदूषण- प्रदुषण विभाग द्वारा सरकार द्वारा कड़ाई का हम स्वागत करते है परन्तु यह भी ध्यान में रखना होगा कि इस कड़ाई के कारण उद्योग का उत्पादन न प्रभावित हो और इसकी आड़ में उद्यमियों का उत्पीडन न हो। इसे तर्कसंगत बनाने हेतु आपसे अनुरोध है कि ओद्योगिक आस्थानो एवं जहा भी क्लस्टर में उद्योग है वहा सरकार द्वारा ईटीपी प्‍लान्‍ट स्थापित किये जाए जिसके संचालन का भार किसी भी प्राइवेट एजेन्सी या उद्यमियों की कोआपरेटिव द्वारा किया जा सकता है, संचालन में होने वाला खर्च उस क्षेत्र के उद्यमियों द्वारा वहन किया जायेगा | इससे व्यक्तिगत तौर पर उद्यमियों के उत्पीडन पर विराम लगेगा।

3.यूपीसीडा – ओद्योगिक क्षेत्र में भूखण्ड खाली नही है प्राइवेट भूखण्ड लेने के बाद आपके स्पष्ट निर्देश एवं सरलीकरण किये जाने के बावजूद धारा 143 में भूखण्ड परिवर्तन कराने मे नए निवेशक का एडी चोटी एवं अनावश्यक उर्जा लगानी पड़ रही है आपने इसे 45 दिन में डीम्ड अप्रूवल कर दिया, परन्तु बैंकों को ऋण देने के लिए धारा 143 में परिवर्तित कागजात आवश्यक है, अपने स्तर से दिशा निर्देश देकर इसे समयबद्ध भूखण्ड के कागज परिवर्तित कराने का निर्देश देने कि कृपा करे, जिससे समय से ऋण प्राप्त कर नए उद्योग कि स्थापना कि जा सके। आप द्वारा ओद्योगिक क्षेत्रों में मुलभुत सुविधाओ एवं सेवाओ के विकास हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है परन्तु इसके बावजूद भी यूपीसीडा के इंडस्ट्रियल एरिया कि स्थिति ठीक नही है। क्षेत्रीय कार्यालय यूपीसीडा के अधिकार सीमित होने के कारण सभी विषयों से सम्बंधित फाइलें मुख्यालय भेजनी पडती है जहां से क्‍लीयरेंस मिलने में काफी समय लगता है उदाहरण स्वरूप यूपीसीडा के इंडस्ट्रियल एरिया में नए उद्योगों के लिए खाली प्लाट को किराए पर देने की व्यवस्था की गयी है परन्तु इस पर अनुमोदन मुख्यालय के पास होने के कारण विलम्ब होता है | इस तरह के प्रकरण में क्षेत्रीय कार्यालय को अधिकृत करने से उद्यमियों की मुख्यालय तक भागदौड़ एवं उर्जा दोनों बचेगी | आपसे अनुरोध है कि उद्यमियों कि उर्जा एवं भाग दौड़ कम करने के लिए क्षेत्रीय कार्यालय को छोटे छोटे प्रकरणों को निष्पादित करने से औद्योगिक विकास में तीव्रता आएगी | युपीसीडा के भूखंडो का डिवीज़न, उत्तराधिकारी, विधा परिवर्तन, किरायेदारी आदि समस्याओं का निराकरण कराने में कई महीने लग जाते है एवं उद्योग स्थापना कि जगह उद्यमी कि सारी उर्जा भागदौड में लग जाती है |

4.उत्तर प्रदेश एवं विशषतया पूर्वांचल में उद्योग की आपार संभावनाए है आप द्वारा लगातार इस क्षेत्र के औद्योगीकरण हेतु प्रयास भी जारी है। औद्योगिक आस्थानो कि कमी के कारण यहाँ के उद्यमी अन्य प्रदेशो की ओर रुख कर रहे है, आप से अनुरोध है कि पूर्वांचल में ग्राम पंचायत स्तर पर छोटे छोटे मिनी औद्योगिक आस्थान विकसित किये जाए तथा उसमे भूमि आवंटन हेतु उस क्षेत्र के उद्यमी को प्राथमिकता दी जाए इससे ग्रामीण क्षेत्रो में सघन औद्योगीकरण में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही पूर्वांचल (वाराणसी) में सरकारी क्षेत्र के किसी बड़े कारखाने लगाए जाए (वाराणसी में बरेका के बाद से कोई बड़ा कारखाना नही लगाये इसमें इस क्षेत्र में हजारो एन सिलयरी कारखाने लगने कि संभावनाए बनेगी तथा पूर्वांचल के कामगारों को रोजगार हेतु अन्य प्रदेशो में जाने कि आवश्यकता भी न होगी |

5.कारपोरेट एवं MSME के लिए श्रम कानून समान है। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के सीमित संशाधनो के कारण श्रम कानूनों में शिथिलता किये जाने कि आवश्यकता है जिससे वह उद्योग अपना ध्यान पूरी तरह उत्पादन पर केन्द्रित कर सके।

6.फ्रीहोल्ड- औद्योगिक आस्थानो/एरिया को फ्रीहोल्ड किये जाने की आवश्यकता है। आपने अपने चुनाव घोषणा पत्र में इसकी चर्चा भी की थी। कम स्थान पर ज्यादा से ज्यादा कारखाने लग सके उसके लिए फ्लेटेड फैक्ट्री लगाने हेतु भी अनुमोदित दिया जाना चाहिए।

वेबनार का कुशल संचालन राष्ट्रीय सचिव राजेश भाटिया जी किया। धन्यवाद एवं आभार प्रकाश वाराणसी मण्डल अध्यक्ष नीरज पारीख जी एवं चैप्टर चेयरमैन दीपक बजाज जी ने किया।

बैठक में यू आर.सिंह, राहुल मेहता, राजकुमार शर्मा, ओं० पी० बदलानी,प्रशांत अग्रवाल, प्रशांत गुप्ता, सुरेश पटेल, संजय गुप्ता, अरविन्द भालोटिया, अनुज डिडवानिया, गाजीपुर से चैप्टर चेयरमैन वशिष्ठ यादव, जौनपुर से चैप्टर चेयरमैन बृजेश जी, मिर्ज़ापुर से चैप्टर चेयरमैन मोहन अग्रवाल, अवधेश गुप्ता, हर्षद तन्ना आदि उद्यमी उपस्थित रहे। 

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