बलिया में हार के लिए ब्लाक प्रमुख उम्‍मीदवार ने मंत्री उपेंद्र तिवारी और सांसद मस्त को बताया जिम्मेदार

अर्चना सिंह ने प्रेसवार्ता कर मंगलवार को बिल्थरारोड में कहा कि उनके हार के लिए बलिया सांसद विरेंद्र सिंह मस्त मंत्री उपेंद्र तिवारी विधायक संजय यादव सीधे जिम्मेदार है। इन सभी ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी का साथ दिया नहीं और विपक्षी को जिताने में लगे रहे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 04:50 PM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 04:50 PM (IST)
बलिया में हार के लिए ब्लाक प्रमुख उम्‍मीदवार ने मंत्री उपेंद्र तिवारी और सांसद मस्त को बताया जिम्मेदार
आरोप लगाया कि सभी ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी का साथ दिया नहीं और विपक्षी को जिताने में लगे रहे।

जागरण संवाददाता, बलिया। सीयर ब्लाक प्रमुख चुनाव में हार के बाद बीजेपी प्रत्याशी रही अर्चना सिंह मंगलवार को अपने ही पार्टी के नेताओं पर जमकर बरसी। अर्चना सिंह ने प्रेसवार्ता कर मंगलवार को बिल्थरारोड में कहा कि उनके हार के लिए बलिया सांसद विरेंद्र सिंह मस्त, मंत्री उपेंद्र तिवारी, विधायक संजय यादव सीधे जिम्मेदार है। इन सभी ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी का साथ दिया नहीं और विपक्षी को जिताने में लगे रहे। वे सभी दोषी बीजेपी नेताओं के खिलाफ पार्टी से संगठन विरोधी कार्य के लिए कार्रवाई की मांग करती है और संगठन के उच्च पदाधिकारियों तक अपनी आवाज पहुंचाने के साथ ही इनके खिलाफ कार्रवाई होने तक वे चुप नहीं बैठने वाली।

उन्‍होंने कहा कि इन्हीं नेताओं ने सीयर में स्थानीय प्रशासन पर दबाव डाला और क्षेत्रीय बीडीसी की खरीद फरोख्त में विपक्षी का साथ दिया। कहा कि इनके ही इशारे पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने मतदान के दौरान उनके साथ दुव्र्यहार भी किया। साढ़े चार बजे तक मतदान हुआ और 14 फर्जी वोट डाले गए। बिना सर्टिफिकेट ही वोट डाला गया और पूरी प्लानिंग के तहत हराया गया। वहीं प्रत्याशी पति और आरएसएस कार्यकर्ता आनंद सिंह ने कहा कि सीयर में सांसद विरेंद्र सिंह मस्त, सांसद पुत्र विपलेंद्र प्रताप, मंत्री उपेंद्र तिवारी और विधायक संजय यादव ने अपनी पूरी प्रतिष्ठा विपक्षी को जिताने के लिए दांव पर लगा दिया।

पर्चा दाखिला की रात 15 लाख विपक्षी के गाड़ी से बरामद हुआ किंतु सांसद पुत्र ने रात में उभांव थाना पहुंचकर पैसा वापस दिलाया। इन्होंने अपनी पूरी शक्ति पार्टी समर्थित उम्मीदवार को हराने में लगा दी। दोपहर तीन बजे तक 102 वोट डाले गए थे किंतु इनके दबाव में प्रशासन ने साढ़े चार बजे तक गलत तरीके से 14 वोट जबरन डलवाया और उन्हें हराया गया। कहा कि बलिया के कुछ नेता पूरा चुनाव स्वयं और अपने पुत्रों तक ही सीमित रखना चाहते हैं। वे एक कार्यकर्ता का चुनाव में उतरना और जीतना बर्दाश्त नहीं कर सकते। जिसके कारण ऐसा पार्टी विरोधी कार्य किया गया। दावा किया कि सांसद पुत्र स्वयं विपक्षी के विजय जुलूस में भी मौजूद रहे और इस जुलूस में सपा जिंदाबाद के नारे लगाए।

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