वाराणसी अग्रवाल समाज का मार्च तक बढ़ा कार्यकाल, एक गुट ने कड़ी आपत्ति जताई

। श्री काशी अग्रवाल समाज कार्यकाल मार्च तक बढ़ा दिया है । समाज का कार्यकाल मार्च 2020 में ही थी । कोरोना महामारी के चलते अब तक सभा का नया चुनाव नहीं हो सका है । वहीं समाज के एक गुट ने कार्यकाल बढ़ाने पर कड़ी आपत्ति जताई है I

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 05:17 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 05:17 PM (IST)
वाराणसी अग्रवाल समाज का मार्च तक बढ़ा कार्यकाल, एक गुट ने कड़ी आपत्ति जताई
श्री काशी अग्रवाल समाज कार्यकाल मार्च तक बढ़ा दिया है । समाज का कार्यकाल मार्च 2020 में ही थी ।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। श्री काशी अग्रवाल समाज कार्यकाल मार्च तक बढ़ा दिया है । समाज का कार्यकाल मार्च 2020 में ही थी । कोरोना महामारी के चलते अब तक सभा का नया चुनाव नहीं हो सका है । वहीं समाज के एक गुट ने कार्यकाल बढ़ाने पर कड़ी आपत्ति जताई है I

साधारण सभा की हुई बैठक में चुनाव को आगे बढ़ाये जाने एवं समस्त पदाधिकारियों का कार्यकाल मार्च तक बढ़ाये जाने का समाज के एक बड़े खेमे ने जमकर विरोध करना शुरू कर दिया है। समाज के सदस्य अमोद अग्रवाल ने उक्त निर्णयों का खंडन करते हुए कहा कि रविवार को श्री अग्रसेन पीजी कॉलेज के अपराजिता हाल में तीन घंटे तक चली बैठक में सिर्फ अपनी अपनी बातों को नियमसंगत एवं संवैधानिक तरीकों से रखा गया लेकिन अंत तक चुनाव आगे बढ़ाने सम्बन्धी कोई भी निर्णय सभी सदस्यों कि मौजूदगी में नहीं लिया गया। यदि यह निर्णय सभा के बाद लिया गया है तो हम उस निर्णय का भरपूर विरोध करते हुए खंडन करते हैं। वहीं एक अन्य सदस्य सलिल अग्रवाल ने कहा कि सभा में एक बार भी एजेंडा लिखें रजिस्टर को नहीं दिखाया गया जब समाज के पूर्व प्रधानमंत्री से रजिस्टर कि फोटो खींच कर सबके सामने दिखाने कि बात हुई तो उन्होंने साफ इंकार कर असहमती व्यक्त कर दी। डा. मधु अग्रवाल ने कहा कि श्री काशी अग्रवाल समाज के चुनाव को कोरोना के नाम पर बार बार टालने एवं कार्यकाल बढ़ाये जाने का निर्णय असंवैधानिक है। इससे समाज कि छवि समाज ही नहीं पूरे पूर्वांचल में धूमिल हो रही है। अरविन्द सिकारिया ने साधारण सभा में बल पूर्वक अध्यक्ष के लिए गए निर्णय को एकतरफा बताते हुए विरोध दर्ज कराया है और कहा कि जब चुनाव को 25(2) के अंतर्गत कराये जाने के लिए सोसाइटी रजिस्ट्रार को माननीय हाईकोर्ट द्वारा नामित कर दिया गया है ऐसे में वर्तमान साधारण सभा के पूर्व सभी पदाधिकारी सोसाइटी अधिनियम के तहत कालातित हो चुके हैं अतः अब उनके द्वारा लिया गया कोई भी निर्णय कोर्ट की अवहेलना होगी।

समाज द्वारा संचालित श्री अग्रसेन पीजी कॉलेज एवं श्री अग्रसेन इंटर कॉलेज के पदाधिकारी साढ़े चार साल से पद पर काबिज हैं जो समाज के संविधान के नियमों का उल्लंघन है।

हम सभी सदस्य अब साधारण सभा में बिना सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के खिलाफ सोसाइटी रजिस्ट्रार से मिल कर एकतरफा बलपूर्वक लागू करने के निर्णय पर अमल न करने के लिए ज्ञापन देंगे।

श्री काशी अग्रवाल समाज के सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल नियमानुसार सत्र 2017 से 2020 तक कुल तीन साल का था जो पिछले मार्च 2020 में ही समाप्त हो चुका था। चुनाव के लिए नामांकन एवं मतदान भी मार्च में ही होना तय था लेकिन कोरोना काल आ जाने से चुनाव टाल दिया गया। अब स्थिति सामान्य होने पर पुनः चुनाव अधिकारी द्वारा तीन एवं चार अक्टूबर को मतदान एवं मतगणना कराने के लिए सूचना भेज कर उसके दूसरे दिन ही सभापति के आदेशानुसार चुनाव को समाप्त करने कि घोषणा कर दी गयी। जिसको असंवैधानिक करार देते हुए अमोद अग्रवाल की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी गयी। कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सोसाइटी अधिनियम 25(2) का उपयोग करते हुए रजिस्ट्रार को अधिकृत कर दिया।

क्या है सोसाइटी अधिनियम 25(2): यदि संस्था द्वारा तय समय सीमा के अंदर चुनाव नहीं होता या चुनाव सेट ए- साइड यानि रद्द हो जाये तो अधिनियम 25(2) के अंतर्गत रजिस्ट्रार स्वयं या किसी अन्य शासकीय अधिकारी के नियंत्रण में चुनाव को कराएं।

सोमवार को हुई एक बैठक में श्री काशी अग्रवाल समाज के सदस्य संतोष कुमार अग्रवाल, अमोद कुमार अग्रवाल,डॉ मधु अग्रवाल,बजरंग अग्रवाल, डॉ राजेश अग्रवाल, अजय अग्रवाल, सलिल अग्रवाल, अमित अग्रवाल, रतन अग्रवाल,अरविन्द सिकारिया,अजय कृष्ण, विजय कृष्ण, योगेश अग्रवाल 'पासा वाले', नारायण अग्रवाल 'सीए ', विनय अग्रवाल सहित अन्य सदस्यों ने उपरोक्त असंवैधानिक नियमविरुद्ध एकतरफा निर्णय का खंडन करते हुए विरोध प्रकट किया है।

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