वाराणसी में कछुओं के आंख की रोशनी बचाने को लगाया गया टेंट, पुनर्वास केंद्र में किया जा रहा प्रयोग

गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सारनाथ स्थित कछुआ पुनर्वास केंद्र में नई पीढ़ी के 909 कछुओं को कुहासे और ठंड से बचाने के लिए टैंक को प्लास्टिक के टेंट से घेर दिया गया है। क्योंकि अधिक ठंड पडऩे से कछुओं के आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 08:50 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 09:32 AM (IST)
वाराणसी में कछुओं के आंख की रोशनी बचाने को लगाया गया टेंट, पुनर्वास केंद्र में किया जा रहा प्रयोग
नई पीढ़ी के 909 कछुओं को कुहासे और ठंड से बचाने के लिए टेंट से घेर दिया गया है।

वाराणसी [केके अस्थाना]। गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सारनाथ स्थित कछुआ पुनर्वास केंद्र में नई पीढ़ी के 909 कछुओं को कुहासे और ठंड से बचाने के लिए टैंक को प्लास्टिक के टेंट से घेर दिया गया है। क्योंकि अधिक ठंड पडऩे से कछुओं के आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है। कभी-कभार तो रोशनी जाने का भी डर रहता है। कछुआ पुनर्वास केंद्र में यह प्रयोग पहली बार किया जा रहा है।

 गंगा को स्वच्छ रखने के लिए शासन -प्रशासन की ओर से कई योजनाएं चल रही है। वन विभाग के अंतर्गत कई जिलों में कछुआ पुनर्वास केंद्र बनाए जा रहे हैं। यहां कुछओं के अंडों सुरक्षित रखने के साथ उनके बच्चों की देखभाल की जाती है। बड़ा होने पर उन्हें गंगा में छोड़ा जाता है। कछुआ पुनर्वास केंद्र में रह रहे कछुओ को बचाने के लिए उन्हें प्लास्टिक टेंट में रखा जा रहा है जिससे कोई प्रभाव नहीं पड़े। ठंड से कछुओ के आंखों में होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान एवं वन्य जीव प्रभाग कीनई पहल कर कृत्रिम तालाब के ऊपर प्लास्टिक टेंट बना दिया गया जिससे अंदर का तापमान सामान्य रहे। यही नहीं, जिस दिन धूप नहीं निकले उस दिन तापमान को सामान्य रखने के लिए अंदर बल्ब जलाए जाएं। इनके अंदर प्रतिरोधक क्षमता को बरकरार रखने के लिए पालक, गाजर, पपीता, लौकी के टुकड़े के साथ छोटी मछलियां दी जा रही है।

कछुआ पुनर्वास केंद्र के टैंक (कृत्रिम तालाब) में 40 से 150 ग्राम तक के 909 कछुए के बच्चों को ठंड में आंखों में होने वाली बीमारियों से बचाना मुश्किल होता था। भारतीय वन्य जीव संस्थान के अनुपम श्रीवास्तव व वन रक्षक निशि कांत ने नई पहल करते हुए टैंक को लेते हुए प्लास्टिक का टेंट बना दिया है। अंदर का तापमान सामान्य हो गया जिससे ठंड में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके। साथ ही इनके स्वस्थ के लिए पालक, गाजर, पपीता, लौकी के टुकड़े व मछलियों दी जा रही हैं।

कछुओ को वजन के हिसाब से खुराक

40 से 70 ग्राम के 712 कछुओ को पालक, गाजर, लौकी, पपीता के टुकड़े दो किलोग्राम तथा छोटी मछली सप्ताह में एक बार एक किलोग्राम।

80 से 150 ग्राम के 197 कछुओ को पालक, गाजर, लौकी, पपीता, कद के टुकड़े तीन किलोग्राम तथा छोटी मछलियां सप्ताह में एक दिन डेढ़ किलोग्राम।

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