नए धान की बालियों से सजा मांं अन्नपूर्णेश्वरी का दरबार, पूर्वांचल के किसानों ने अर्पित की नए धान की बाली

अन्न की देवी मांं अन्नपूर्णा के दरबार में सुख-समृद्धि मनोकामना के लिए चले सत्रह दिनों तक चले विशेष व्रत अनुष्ठान का भक्तोंं ने रविवार को उद्यापन किया। किसी ने लगाई 21 फेरी (परिक्रमा) तो किसी ने 101 और 501 फेरी लगा कर निहाल हुए।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 20 Dec 2020 01:19 PM (IST) Updated:Sun, 20 Dec 2020 01:19 PM (IST)
नए धान की बालियों से सजा मांं अन्नपूर्णेश्वरी का दरबार, पूर्वांचल के किसानों ने अर्पित की नए धान की बाली
मनोकामना के लिए चले सत्रह दिनों तक चले विशेष व्रत अनुष्ठान का भक्तोंं ने रविवार को उद्यापन किया।

वाराणसी, जेएनएन। अन्न की देवी मांं अन्नपूर्णा के दरबार में सुख-समृद्धि मनोकामना के लिए चले सत्रह दिनों तक चले विशेष व्रत अनुष्ठान का भक्तोंं ने रविवार को उद्यापन किया। किसी ने लगाई 21 फेरी (परिक्रमा) तो किसी ने 101 और 501 फेरी लगा कर निहाल हुए। इस मौके पर अन्नपूर्णा दरबार को धान की बालियों से आकर्षक तरीके से सजाया गया।

किसानों के साथ आम श्रद्धालुओंं ने भी मांं भगवती को धान की बाली चढ़ाई और मांं से घर मे सुख-समृद्धि की अर्जी लगाई और इसी के साथ सत्रह दिनी व्रत की पूर्णाहुति हो गई। सत्रह दिनी व्रत रखने वाली महिलाओं ने 17 गांठ के धागे और इतनी ही संख्या में फल-फूल, दूब, चावल और सिंदूर से सविधि पूर्वक पूजा अर्चना किया। इसके पूर्व भोर में उप महंत शंकर पुरी ने मांं को पंचामृत स्नान और नूतन वस्त्र धारण करा कर भगवती की पूजा की और मांं का श्रृंगार किया। उसके बाद आम भक्तों के दर्शनार्थ कपाट खोला गया। दोपहर में भोग आरती में धान की बालियों से मांं का श्रृंगार किया गया और पूरे गर्भ गृह समेत पूरे मंदिर प्रांगण को सजाया गया। सुबह चार बजे आम भक्तोंं के दर्शन-पूजन हेतु  मंदिर का कपाट खोल दिया गया जो रात्रि तक चलेगा।

महंत रामेश्वर पुरी के ने कहा मांं अन्नपूर्णा के व्रत से अन्न-धन, पुत्र, यश, वैभव और आरोग्य की प्राप्ति होती है।उन्होंने कहा कि किसान धान की बालियां मांं को इसलिए अर्पित करते हैं कि उनके अन्न के भंडार में वृद्धि हो और इन्हीं बलियों को अगले वर्ष बीज में मिलाते है जिससे धान की उपज बढ़ जाती है। आजमगढ़, बलिया, मिर्जापुर और सोनभद्र के किसानों ने धान की बाली मंदिर में चढ़ाई गई। बलियों का प्रसाद सोमवार को श्रद्धालुओं में बांटा जाएगा।

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