स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए दिल्‍ली से वाराणसी आई टीम, जांच के दौरान नगर निगम के अफसरों को भी नहीं दे रहे लोकेशन

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की परीक्षा शुरू हो गई है। दिल्ली स्थित शहरी विकास मंत्रालय से सफाई व्यवस्था को परखने के लिए दो टीमें बनारस पहुंच गई हैं। इसमें एक टीम गार्वेज फ्री सिटी पर फोकस कर रही है तो दूसरी सर्वेक्षण को लेकर उठाए गए कदम को परख रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 07:50 AM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 07:50 AM (IST)
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए दिल्‍ली से वाराणसी आई टीम, जांच के दौरान नगर निगम के अफसरों को भी नहीं दे रहे लोकेशन
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की परीक्षा शुरू हो गई है।

वाराणसी, जेएनएन। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की परीक्षा शुरू हो गई है। दिल्ली स्थित शहरी विकास मंत्रालय से सफाई व्यवस्था को परखने के लिए दो टीमें बनारस पहुंच गई हैं। इसमें एक टीम गार्वेज फ्री सिटी पर फोकस कर रही है तो दूसरी स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर उठाए गए कदम को परख रही है। खास यह कि सर्वे टीम नगर निगम के अफसरों को भी लोकेशन नहीं दे रही है। पूरी गोपनीयता बरती जा रही है।

सर्वे  के लिए दो टीमें बनी हैं। एक टीम में 10 सदस्य शामिल हैं तो दूसरे में चार सदस्य। 10 सदस्यीय टीम स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए नगर निगम की ओर से उठाए गए कदम को परख रही है तो चार सदस्यीय टीम गार्वेज फ्री के पहलू को देख रही है। मंगलवार को दोपहर में एक टीम गोइठहां स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने पहुंची थी। इस दौरान प्लांट के कर्मियों ने प्रवेश करने नहीं दिया तो नगर आयुक्त गौरांग राठी तक सूचना पहुंची। इसके बाद जल निगम की गंगा प्रदूषण इकाई के अफसर सक्रिय हुए और टीम को प्लांट का निरीक्षण कराया। इस दौरान प्लांट कैसे कार्य करता है, कितना मलजल शोधित होता है, शोधित जल का निस्तारण कहां किया जाता है, शुद्धता कितनी रहती है आदि ङ्क्षबदुओं से टीम को अवगत कराया गया। वहीं, रात को टीम सिकरौल वार्ड में भ्रमण किया। इस दौरान रात को सफाई व्यवस्था कैसे की जाती है आदि की जानकारी ली। अर्दली बाजार, भोजूबीर, कचहरी, गिलट बाजार आदि इलाके में रात को हो रही सफाई कार्य की फोटो भी टीम ने खींचा। इस दौरान स्थानीय लोगों ने फोटो खींचने की कोशिश की तो टीम ने उन्हें मना कर दिया। टीम ने बीते दो दिनों में मलिन बस्तियों के अलावा सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों की सफाई व्यवस्था को भी देखा। इस दौरान नगर में ओडीएफ के हालात को भी जाना।   

तीन टीमें और पहुंचने की उम्मीद

सर्वेक्षण को लेकर तीन टीमें और आएंगी। ऐसी उम्मीद नगर निगम के अफसरों को है क्योंकि गंगा व घाट के साथ ही सहायक नदियों की सफाई व्यवस्था को परखी जाएगी। इसके अलावा कुंड व तालाब के सुंदरीकरण के अलावा नगर में पेयजल की आपूर्ति व्यवस्था व उसकी शुद्धता को मापा जाएगा। साथ ही सीवर ओवरफ्लो की शिकायतों व निस्तारण की व्यवस्था को भी जांचा-परखा जाएगा।

छह टन निकल रहा प्रतिदिन कचरा

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह के अनुसार नगर में प्रतिदिन छह टन कचरा निकलता है जिसे सीधे करसड़ा स्थित प्रसंस्करण प्लांट तक भेजा जा रहा है। यही वजह है कि नगर के अधिकतर कचरा घर में बैकलाग नहीं है। नगर निगम की कोशिश है कि आने वाले दिनों में शहर को कचरा घर से मुक्त कर दिया जाए। वर्तमान में 13 बड़े कचरा घर को मिलाकर कुल 31 कचरा घर हैं।

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