काशी के कायाकल्प के लिए आएगी शहरी विकास मंत्रालय की टीम, पीएमओ ने कई प्रस्तावों को दी है हरी झंडी
काशी के कायाकल्प के लिए शहरी विकास मंत्रालय की टीम जल्द ही दौरा करने वाली है। टीम काशी के लिए बनी योजनाओं को विस्तार में जानने के बाद उस पर मुहर लगाएगी।
वाराणसी, जेएनएन। काशी के कायाकल्प के लिए शहरी विकास मंत्रालय की टीम जल्द ही दौरा करने वाली है। टीम काशी के लिए बनी योजनाओं को विस्तार में जानने के बाद उस पर मुहर लगाएगी। इसके मुख्य प्रस्ताव में शहर को जाम से मुक्त कराने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत लाइट मेट्रो, रोप वे, जल मार्ग परिवहन और सड़क मार्ग के प्रस्ताव शामिल है।
नवंबर महीने में शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण के बाद पीएमओ ने इन प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद यहां स्थानीय अफसरों में भी हलचल बढ़ गई है। योजनाओं को मंजूरी देने से पहले मंत्रालय की टीम यहां आकर मौके का जायजा लेने के बाद विशेषज्ञों से राय भी लेगी। इसमें काशी रेलवे स्टेशन पर प्रस्तावित देश के पहले इंटर मॉडल स्टेशन भी मुख्य है।
गोदौलिया में पार्किंग की विसंगतियों पर समिति ने किया मंथन
श्री काशी विश्वनाथ धाम, गोदौलिया में निर्माणाधीन वाहन पार्किंग और गंगा घाट के किनारे निर्माण को लेकर जिले के आला अफसर सोमवार को विधान परिषद समिति के समक्ष लखनऊ में पेश हुए। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल के वहां नहीं पहुंचने पर समिति ने नाराजगी जाहिर करते हुए अगली बैठक में उन्हें हर हाल में उपस्थित होने को सुनिश्चित करने को कहा।
समिति की कार्यवाही शुरू होते ही मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल के बारे में पूछा गया तो जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने शहर में एनजीटी टीम के होने की बात बताई। कहा कि जिले में किसी न किसी अफसर की मौजूदगी जरूरी है, ऐसे में मंडलायुक्त ने संंबंधित अफसरों को भेजा है। समिति उनकी बातों को सुनने की बजाय मंडलायुक्त को मौजूद नहीं होने पर सवाल उठाती रही। कहा कि सभी मामले मंडलायुक्त से जुड़े हैं ऐसे में उनकी उपस्थिति जरूरी है। समिति के समक्ष अफसरों ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, गोदौलिया टांगा स्टैंड पर निर्माणाधीन वाहन पार्किंग आदि के बारे में बताया। समिति ने कई और अभिलेखों के बारे में पूछा। गोदौलिया में व्यापारियों सहित उनके परिवार की महिलाओं, बच्चियों को नगर निगम द्वारा पुलिस हिरासत में ले कर दुकानों को तोडऩे की कार्रवाई हुई थी। वहां पर बहुमंजिली पार्किंग बननी है। पार्किंग स्थल गंगा के उच्चतम बाढ़ बिंदू से 200 मीटर के दायरे में है। उच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि 200 मीटर के अंदर कोई निर्माण नहीं किया जाएगा। इसी सब को लेकर मामला विधान परिषद समिति के सामने पहुंचा है।