वाराणसी में सामूहिक अवकाश लेकर शिक्षकों ने दिया धरना, ठप रहा अशासकीय कालेजाें में पठन-पाठन

सरकार शिक्षकों की मांगों को लेकर हीलाहवाली कर रही है। ऐसे में शिक्षकों को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। अध्यक्षता काशी विद्यापीठ संबद्ध महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. प्रदीप कुमार पांडेय व संचालन महामंत्री डा. दिवाकर सिंह ने किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 04:03 PM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 04:03 PM (IST)
वाराणसी में सामूहिक अवकाश लेकर शिक्षकों ने दिया धरना, ठप रहा अशासकीय कालेजाें में पठन-पाठन
शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षकों की मांगों को लेकर हीलाहवाली कर रही है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध राजकीय व अशासकीय कालेजाें में मंगलवार को पठन-पाठन ठप रहा। पुरानी पेंशन योजना बहाली, यूजीसी के रेगुलेशन के अनुसार महाविद्यालयों के शिक्षकों को प्रोफेसर पदनाम एवं ग्रेड देने सहित 25 सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षक सामूहिक अवकाश लेकर विद्यापीठ पंत प्रशासनिक भवन के सामने सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक धरना दिया। अंत में मुख्यमंत्री को संबोधित कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी को एक ज्ञापन भी सौंपा।

उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ (फुपुक्टा) के आह्वान पर धरना स्थल पर सभा कर शिक्षकों ने कहा कि विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुिक्तियों की योग्यता व अर्हता एक समान है। इसके बावजूद महाविद्यालयों में प्रोफेसर पद नाम अब तक नहीं दिया गया। जबकि इस संबंध में कई बार मांग की जा चुकी है। इसी प्रकार यूजीसी के निर्देशानुसार सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष किए जाने, कैशलेस चिकित्सकीय सुविधाएं आदि प्रमुख मांगों के अलावा कई ऐसी मांगें हैं जिन्हें सरकार चाहे तो तत्काल स्वीकृति दे सकती है।

इसके बावजूद सरकार शिक्षकों की मांगों को लेकर हीलाहवाली कर रही है। ऐसे में शिक्षकों को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। अध्यक्षता काशी विद्यापीठ संबद्ध महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. प्रदीप कुमार पांडेय व संचालन महामंत्री डा. दिवाकर सिंह ने किया। धरने में मुख्य रूप में डा. नरेंद्र प्रताप सिंह, डा. काशी नाथ सिंह, डा. जेपी राय, डा. धर्मेंद्र कुमार सिंह, डा. शशिकान्त द्विवेदी, डा. बब्बन सिंह, डा. पंकज कुमार सिंह, डा. उदयन कश्यप आलोक डा. जगदीश सिंह, डा. आनन्द कुमार सिंह, डा. राजमोहन शर्मा, डा. रत्नेश कुमार, डा. दयानिधि यादव, डा. बृजेश मिश्रा, डा. विवेक सिंह, डा. अशोक चन्देल, डा. अरविन्द कुमार मिश्रा, डा. राकेश शुक्ल, डा. उपेन्द्र कुमार, डा. संजीव कुमार सिंह, डा. सुधीर कुमार शाही, डा. उमाकान्त सिंह, डा. बृजेश जायसवाल, डा. बनारसी मिश्र, डा. आकाश, डा. अनीता सिंह, डा. नरेन्द्र राय, डा. शक्ति सिंह, डा. वीरेन्द्र यादव सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किए।

प्रमुख मांगें

-बहाल हो पुरानी पेंशन योजना

-नई पेंशन योजना में में सरकारी अंशदान हो नियमित

-यूजीसी रेगुलेशन 2018 के अनुसार प्रोफेसर पदनाम एवं मिले ग्रेड

-कैरियर एडवांसमेंट योजना का मिले लाभ

- सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष हो।

-महाविद्यालय शिक्षकों को मिले कैशलेस चिकित्सकीय सुविधा।

- पूर्व की भांति पीएचडी धारक शिक्षकों को फीडर कैडर का मिले लाभ।

- राज्य कर्मचारियों की भांति मिले सामूहिक जीवन बीमा योजना की धनराशि

- अविलम्ब हो सातवें वेतन आयोग के तहत पुस्तकालय कैडर का वेतन निर्धारण

- सरकारी कर्मचारी माध्यमिक शिक्षक एवं बेसिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों में पति - पत्नी की सेवाकाल में मृत्यु होने पर पति या पत्नी को छठें वेतनमान की संस्तुति के अनुसार 62 वर्ष पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को मिले ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण

-एकल स्थानान्तरण की सुविधा सम्पूर्ण सेवाकाल में दो बार हो अनुमन्य

-आकस्मिक अवकाश को 08 से बढ़ाकर पुनः 14 किया जाए

-विनियमितीकरण से वंचित तदर्थ शिक्षकों का हो विनियमितीकरण

-राज्य कर्मियों की भांति शिक्षकों को भी दस वर्षों तक मिले फुल फैमिली पेंशन

-अनुदानित महाविद्यालयों में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में कार्यरत अनुमोदित शिक्षकों को मिले सामान वेतन

- परीक्षा पारिश्रमिक की संशोधित दरे हो प्रभावी।

- तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति पर हटे प्रतिबन्ध

- मकान किराया भत्ता व मिले नगर प्रतिकर भत्ता

-शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के लिए गठित तो आयोग।

- संशोधित किया जाय शैक्षणिक कैलेण्डर।

- महाविद्यालयों में कैरियर एडवान्समेन्ट योजना के तहत लम्बित शिक्षकों का हो प्रमोशन

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