संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शिक्षकों ने किया मूल्यांकन का बहिष्कार, नारेबाजी कर किया प्रदर्शन

एक परीक्षक को दस बंडल यानी 1000 कापी या 40000 रुपये पारिश्रमिक तक मूल्यांकन करने का मानक है। इसके बावजूद परीक्षकों को 15000 से 18000 रुपये पारिश्रमिक होने के बाद कापियां जांचने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 02:28 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 02:28 PM (IST)
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में  शिक्षकों ने किया मूल्यांकन का बहिष्कार, नारेबाजी कर किया प्रदर्शन
एक परीक्षक को दस बंडल यानी 1000 कापी या 40,000 रुपये पारिश्रमिक तक मूल्यांकन करने का मानक है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बकाए पारिश्रमिक की मांग को लेकर शिक्षकों /परीक्षकों ने गुरुवार को मूल्यांकन का बहिष्कार कर दिया। यही नहीं शिक्षक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय स्थित पाणिनि भवन में धरने पर बैठे हुए है और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं।

शिक्षकों का कहना है कि परीक्षकों का पारिश्रमिक 2016 से बकाया है। बार बार आश्वासन के बाद अब तक भुगतान नहीं किया गया । यहीं नहीं एक परीक्षक को दस बंडल यानी 1000 कापी या 40,000 रुपये पारिश्रमिक तक  मूल्यांकन करने का मानक है। इसके बावजूद परीक्षकों को 15000 से 18000 रुपये पारिश्रमिक होने के बाद कापियां जांचने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

साथ ही नए परीक्षकों की नियुक्ति में भी हीलाहवाली की जा रही है। परीक्षकों ने जब कुलपति से बकाए पारिश्रमिक की मांग की तो उन्होंने सभी परीक्षकों को कार्यमुक्त करने का आदेश दे दिया। इसे लेकर शिक्षकों में रोष है कुलपति के रवैये से क्षुब्ध शिक्षक विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ लामबंद होकर धरने पर बैठ गए है I परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजनाथ शिक्षकों को समझाने के प्रयास में जुटे हुए है।

50 फीसद ही कापियां अब भी लंबित : विश्वविद्यालय प्रशासन ने.शास्त्री-आचार्य की परीक्षा का रिजल्ट दो चरणों में जारी करने का निर्णय लिया था। प्रथम चरण में विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों का रिजल्ट जारी किया जा चुका है। वहीं संबद्ध कालेजों के परीक्षार्थियों की कापियों का मूल्यांकन दो सितंबर से शुरू हुआ है। संबद्ध संस्कृत कालेजों के शास्त्री-आचार्य की परीक्षा का  रिजल्ट 30 सितंबर तक जारी करने का लक्ष्य रखा है। वही अब तक महज 50 फीसद ही कापियों का मूल्यांकन हो सका है। 50 फीसद कापियां अब भी लंबित है । मूल्यांकन का यदि हाल रहा तो 31 अक्टूबर तक भी रिजल्ट जारी होने की उम्मीद नहीं हैं।

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