वाराणसी में हेड कांस्टेबल के खुद को गोली मारने की बात स्वजनों के गले नहीं उतर रही
पुलिस लाइन में हेड कांस्टेबल अनिल राय द्वारा खुद को कार्बाइन से गोली मार कर जाने देने की बात उनके स्वजनों के गले नहीं उतर रही है। उनका कहना था कि वह आत्महत्या नहीं कर सकते हैं। कारबाइन गिरने से गोली चली होगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पुलिस लाइन में हेड कांस्टेबल अनिल राय द्वारा खुद को कार्बाइन से गोली मार कर जाने देने की बात उनके स्वजनों के गले नहीं उतर रही है। उनका कहना था कि वह आत्महत्या नहीं कर सकते हैं। कारबाइन गिरने से गोली चली होगी। बताया कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही के कारण परिवारीजन पुलिस वैन में शव रखकर शिवपुर पोस्टमार्टम हाउस से बीएचयू का चक्कर लगाते रहे। किसी अधिकारी या आरआइ ने मिलना तो दूर फोन पर बात नहीं की। आरोप लगाया कि हेड कांस्टेबल विभागीय प्रताडऩा के भी शिकार थे। उनके साथ में ड्यूटी करने वाले तथा बैरक में रहने वाले एक भी पुलिसकर्मी पोस्टमार्टम हाउस नहीं पहुंचे। सिर्फ पोस्टमार्टम कराने की ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मी मौजूद थे।
शिवपुर से भेजा बीएचयू
परिवारीजन का आरोप था कि मर्चरी से पोस्टमार्टम तक फजीहत का सामना करना पड़ा। पुलिस वैन से शव लेकर शिवपुर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचने पर उन्हें बिना जानकारी के बीएचयू में पीएम होने की बात कह वहां भेज दिया गया। बीएचयू पहुंचने पर पता चला कि यहां पोस्टमार्टम नहीं होगा। इस पर शव के साथ आए दारोगा मदन राव की शिवपुर पीएम हाउस से बीएचयू भेजने वाले पुलिसकर्मी से फोन पर जमकर नोकझोंक हुई। मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो शव को फिर शिवपुर पीएम हाउस लाया गया। इसके बाद पोस्टमार्टम हो सका।
अपने हुए बेगाने
हेड कांस्टेबल के शव के साथ पहुंचे कालिका बारा दुर्जनपुर निवासी उनके ससुर का कहना था कि विभाग में उनके दामाद ने लंबी सेवा दी व सबसे उनके मधुर संबंध थे। इसके बावजूद किसी अधिकारी या उनके साथी ने आना तो दूर फोन तक नहीं किया। ऊपर से पुलिस कर्मियों की लापरवाही के कारण शाम तीन बजे तक शव लेकर दौड़ते रहे। हेड कांस्टेबल की पत्नी साधना और बड़े भाई वीरेंद्र ने बताया कि वह आत्महत्या कर ही नहीं सकते। हेड कांस्टेबल के पिता हरिकेश राय बीएसएनएल में एई थे। उन्होंने बरेली में मकान बनवाया था। इसी पते पर ही अनिल राय की पुलिस में भर्ती हुई थी। हालांकि उनकी पत्नी व बच्चे जौनपुर के केराकत थानांतर्गत कुंडी में रहते हैं। हेड कांस्टेबल के बड़े भाई कमांडो व छोटे भाई की जौनपुर में दुकान है। परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक है। बता दें कि ग्रामीण पुलिस में तैनात हेड कांस्टेबल ने रविवार को पुलिस लाइन स्थित बैरक में खुद पर कार्बाइन से बस्र्ट फायर कर जान दे दी थी। कार्बाइन की मैग्जीन में सिर्फ पांच गोलियां थीं। शेष 65 गोलियां बक्से में मिली थी।