अट्टहास करते दशानन रावण का हुआ वध, चहुं दिशाएं जय श्री राम के नारों से गूंज उठीं

कोरोना संक्रमण को देखते हुए दशानन रावण को जलाने की परंपरा का सीमित जगहों पर ही निर्वहन किया जा रहा है। लोगों का जमावड़ा न हो इसलिए रावण और उसके परिवार के प्रतीकात्‍मक पुतलों को जलाने का कार्य लोग स्‍थानीय स्‍तर पर प्रतीक स्‍वरुप में ही कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 05:08 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 08:48 PM (IST)
अट्टहास करते दशानन रावण का हुआ वध, चहुं दिशाएं जय श्री राम के नारों से गूंज उठीं
दशानन रावण को जलाने की परंपरा का सीमित जगहों पर ही निर्वहन किया जा रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक पावन पर्व दशहरा पर महावीर मंदिर चौराहे पर रावण और मेघनाथ रूपी चीन व पाकिस्तान का पुतला दहन किया गया। सबसे पहले मुख्य अतिथि भाजपा काशी क्षेत्र अध्यक्ष महेश चन्द श्रीवास्तव ने राम लक्ष्मण हनुमान की आरती कर रामलीला का शुभारम्भ किया। एक घण्टे की लीला के बाद पुतले का दहन भगवान राम ने किया। रामलीला समिति के पदाधिकारी अध्यक्ष अनिल पांडेय व मंत्री प्रकाश चौबे की ओर से कोरोना काल में समुचित व्यवस्था की गई थी जिससे किसी प्रकार की परेशानी किसी को न होने पाए।

विजयदशमी के मौके पर इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए दशानन रावण को जलाने की परंपरा का सीमित जगहों पर ही निर्वहन किया जा रहा है। लोगों का जमावड़ा न हो इसलिए रावण और उसके परिवार के प्रतीकात्‍मक पुतलों को जलाने का कार्य लोग स्‍थानीय स्‍तर पर प्रतीक स्‍वरुप में ही कर रहे हैं। शाम पांच बजे के बाद कई जगहों पर लोगों ने रावण दहन की परंपरा का निर्वहन करते हुए रावण का प्रतीक पुतला बनाया और उसे आग के हवाले करके रावण दहन किया।

इस दौरान लोगों ने पर्याप्‍त दूरी भी बनायी और भगवान से कोरोना जैसी बीमारी से मुक्ति की कामना भी की। पूर्वांचल भर में कई जगहों पर रावण दहन शाम पांच बजे से शुरू हुआ तो शाम सात बजे तक रावण दहन का प्रतीक के तौर पर परंपरा निभाई गई। हालांकि, सुरक्षा कारणों से पुलिस बलों ने भी इस दौरान गश्‍त कर रावण दहन के दौरान सुरक्षा व्‍यवस्‍था का जायजा लिया। कोरोना संक्रमण के बीच भले ही काशी में परंपराओं को प्रतीक के तौर पर निभाया जा रहा है लेकिन काशी में कभी यह पर्व भी लक्‍खा मेला के तौर पर अपनी पहचान रखता था।

 

जौनपुर में शाहगंज नगर के रामलीला मैदान में असत्य पर सत्य की विजय का पर्व विजयादशमी का मेला परंपरानुसार मनाया गया। पूर्वांचल के इस प्रसिद्ध मेले में 35 फुट के पुतले का दहन किया गया। 

दोपहर के बाद श्रद्धालु - दर्शनार्थी  मेला स्थल पर पहुंचे। वहां पर बने चबूतरे पर श्री राम और रावण के युद्ध के दृश्य का मंचन किया गया। मंचन को देखकर उपस्थित समूह रोमांचित हो उठा। शाम को श्री राम के बाण से रावण का वध किया गया और इसके उपरांत मेला स्थल में लगाए गए रावण के 35 फुट के पुतले का दहन करके विजयादशमी के पर्व का समापन हुआ।

मेला स्थल पर उपजिलाधिकारी राजेश कुमार वर्मा, क्षेत्राधिकारी अंकित कुमार, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश जायसवाल, अधिशासी अधिकारी दिनेश यादव, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजदेव यादव, देवेन्द्र शाहू उर्फ शेखर व रामलीला समिति के अध्यक्ष रूपेश जायसवाल सहित तमाम गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। मेले में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल के जवान और रामलीला समिति के पदाधिकारी चक्रमण करते रहे।

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