वाराणसी जिला जेल में बंद निलंबित डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल बर्खास्त, पीडि़ता व गवाह ने लगाए थे गंभीर आरोप
सांसद अतुल राय के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के प्रकरण में जिला जेल में बंद निलंबित डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल को शासन ने मंगलवार को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया। अमरेश को पुलिस ने 30 सितंबर को बाराबंकी टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सांसद अतुल राय के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के प्रकरण में जिला जेल में बंद निलंबित डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल को शासन ने मंगलवार को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया। अमरेश को पुलिस ने 30 सितंबर को बाराबंकी टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया था। अमरेश पर इस दुष्कर्म मामले की जांच में लापरवाही बरतने, अपने अधिकारों का ठीक से प्रयोग न करने, जांच में पीडि़ता के बारे में गलत रिपोर्ट बनाने समेत विभिन्न आरोप हैं। आरोपित को 30 दिसंबर 2020 को निलंबित किया गया था। इसके बाद अब यह कार्रवाई की गई।
लंका थाने में दर्ज हुआ था दुष्कर्म का मामला
बलिया के नरही थाना क्षेत्र की रहने वाली उदय प्रताप कालेज की पूर्व छात्रा ने सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म अन्य आरोपों मेें मुकदमा कराया था। लंका थाने में एक मई 2019 को दर्ज हुए मुकदमे की जांच सीओ भेलूपुर रहते हुए डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल ने की थी। आरोप है कि अमरेश ने अतुल के साथ मिलीभगत कर उसे लाभ पहुंचाने की कुत्सित कोशिश की। इसके चलते दुष्कर्म पीडि़ता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय की अनसुनी कर दी। यही नहीं न्यायालय में जाकर अतुल राय के पक्ष में गवाही देने का आरोप भी अमरेश सिंह बघेल पर है। इसके बाद 29 सितंबर की रात अमरेश के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। 30 सितंबर को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश कर अमरेश को जेल भेज दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के सामने 16 अगस्त को किया था आत्मदाह
दुष्कर्म पीडि़ता व उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के सामने फेसबुक लाइव कर खुद पर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा ली थी। दोनों का आरोप था कि तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक, पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर, डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल, दारोगा संजय राय्र व उसके बेटे की अतुल राय से मिलीभगत के कारण उन्हें न्याय पाना मुश्किल लग रहा है। उल्टे उन्हें ही प्रताडि़त किया जा रहा है। न्याय न मिलने आस में दोनों जान दे रहे हैं। आत्मदाह के बाद उपचार के दौरान 21 अगस्त को सत्यम व 24 अगस्त को पीडि़ता की मौत हो गई थी। इसके बाद पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया। वहीं उस दौरान एसपी सिटी रहे विकास चंद्र त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में शासन ने दो सदस्यीय एसआइटी का गठन किया था।