वाराणसी में गैर कानूनी गतिविधियों के लिए तत्कालीन एसएसपी आनंद कुलकर्णी को किया था उपकृत!
पूर्व डीआइजी सभाजीत सिंह के बिल्डर बेटे बलवंत सिंह की हत्या के मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्व डीआइजी सभाजीत सिंह के बिल्डर बेटे बलवंत सिंह की हत्या के मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। बलवंत सिंह जिस कंस्ट्रक्शन कंपनी एसएसबी ग्रुप में पार्टनर थे, उस ग्रुप के एमडी रामगोपाल सिंह ने अपनी गैर कानूनी गतिविधियों के लिए तत्कालीन एसएसपी आनंद कुलकर्णी को उपकृत किया था। रामगोपाल सिंह ने एसएसपी के सरकारी आवास में बीस लाख रुपये की लागत से एक स्विमिंग पूल का निर्माण कराया था। एसएसपी के पास रामगोपाल सिंह को ले जाने वाले शहर में तैनात कुछ पुलिसकर्मी थे। ये वहीं पुलिसकर्मी हैं जिन्होंने बलवंत सिंह की हत्या के बाद सारनाथ थाने में रामगोपाल सिंह की मौजूदगी में बलवंत सिंह के बेटे से तहरीर लिखवाई थी।
एसएसपी बंगले में स्विमिंग पूल निर्माण का मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। हत्या के आरोप में बंद पंकज चौबे की पत्नी सरिता चौबे ने एडीजी बृजभूषण सिंह को पत्र देकर बलवंत सिंह की हत्या के मामले की फिर से पड़ताल के साथ ही एसएसपी के आवासीय परिसर में बने स्विमिंग पूल की जांच की गुहार लगाई है।
नोएडा से खरीदा गया था सामान
एडीजी को दिए पत्र में सरिता चौबे ने दावा किया है कि रामगोपाल सिंह की कंपनी के नाम से नोएडा की एक कंपनी से स्विमिंग पूल के लिए सामान खरीदा गया था। मजदूरी का भुगतान कैश में हुआ था। कंपनी की तरफ से इसे सीएसआर (कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी ) फंड के तहत काम दिखाया गया। कंपनी के किसी भी प्रोजेक्ट में अभी तक कहीं भी स्विमिंग पूल का निर्माण नहीं हुआ है।
आखिर क्यों कराया रामगोपाल सिंह से निर्माण
सवाल उठता है कि आखिर एसएसपी ने क्यों सरकारी आवास में रामगोपाल सिंह से स्विमिंग पूल तैयार कराया। इसका भुगतान एसएसबी ग्रुप ने क्यों किया। रामगोपाल सिंह को आखिर क्यों तत्कालीन एसएसपी ने सरकारी सुरक्षाकर्मी मुहैया करा रखा था।
अब तक नहीं मिला सीसी फुटेज और न देरी से ले जाने का जवाब
पूर्व डीआइजी के बिल्डर बेटे बलवंत सिंह बीते 20 अक्टूबर की रात अपने बिजनेस पार्टनर रामगोपाल सिंह के बुलावे पर उसके अशोक विहार कालोनी स्थित आवास पहुंचे थे। वहां पर ग्रुप के अन्य पार्टनरों के साथ ही अन्य लोग भी मौजूद थे। दावा किया गया कि दीपावली पर गिफ्ट बांटने को लेकर बिजनेस पार्टनर पंकज चौबे और बलवंत सिंह के बीच कहासुनी हो गई। नशे में धुत पंकज सिंह ने पहले लाइसेंसी पिस्टल से हवाई फायरिंग की और फिर बलवंत सिंह को गोली मार दी। गोली मारने के बाद पंकज अपने मोबाइल फोन वहीं फेंककर फरार हो गया। पुलिस ने पंकज को 21 अक्टूबर को सारनाथ-चौबेपुर मार्ग से गिरफ्तार कर लिया। पंकज की पत्नी ने पुलिस अधिकारियों से मामले की गहनता से जांच करने की अपील करते हुए लिखा है कि बलवंत सिंह को जब गोली मारकर उनके पति पंकज फरार हुए तो उसके बाद रामगोपाल सिंह और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को आखिर 40 मिनट से अधिक समय क्यों लग गया अस्पताल पहुंचने में। बलवंत सिंह को रामगोपाल और उसके साथी जानबूझकर देरी से अस्पताल ले गए।
एसएसपी को जांच का जिम्मा
बलवंत सिंह की हत्या के आरोपित पंकज चौबे की पत्नी सरिता चौबे ने मुलाकात करने के साथ प्रार्थना पत्र देकर कई आरोप लगाए हैं। एसएसपी को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। -बृजभूषण शर्मा, एडीजी जोन।
पता करेंगे कैसे और किस फंड से हुआ है स्विमिंग पूल का निर्माण
अभी तक स्विमिंग पूल के बारे में सुना है लेकिन उसे देखा नहीं है। जांच कराई जाएगी कि स्विमिंग पुल का निर्माण किस फंड के तहत हुआ है। जेल में बंद आरोपित पंकज चौबे की पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों की पड़ताल कराई जाएगी। - प्रभाकर चौधरी, एसएसपी।