Electricity Billing की मानिटरिंग करेंगे पर्यवेक्षक, रखने होंगे क्लस्टर हेड डेटा एनालिस्ट

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ( यूपीपीसीएल ) प्रबंधन ने डोर-टू-डोर मीटर रीडिंग करने मौके पर ही बिल बनाने बिल देने और राजस्व वसूली की व्यवस्था का जिम्मा एक ही एजेंसी को दिया है। शर्त रखा गया है कि इन सबकी मानीटरिंग पर्यवेक्षक करेंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 10:33 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 01:55 PM (IST)
Electricity Billing की मानिटरिंग करेंगे पर्यवेक्षक, रखने होंगे क्लस्टर हेड डेटा एनालिस्ट
शर्त रखा गया है कि इन सबकी मानीटरिंग पर्यवेक्षक करेंगे।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। लगातार सख्ती बरतने के बावजूद पूर्वांचल समेत समूचे प्रदेश में बिजली बिल वितरण और राजस्व वसूली की व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पा रही है । इससे तंग आकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ( यूपीपीसीएल ) प्रबंधन ने डोर-टू-डोर मीटर रीडिंग करने, मौके पर ही बिल बनाने, बिल देने और राजस्व वसूली की व्यवस्था का जिम्मा एक ही एजेंसी को दिया है। शर्त रखा गया है कि इन सबकी मानीटरिंग पर्यवेक्षक करेंगे। पर्यवेक्षक ही उपभोक्ता की बिलिंग संबंधित हर समस्या का समाधान भी करेंगे।

यूपीपीसीएल प्रबंधन ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पूर्वांचल-डिस्कॉम) में इसकी जिम्मेदारी दो एजेंसियों को दी है। आजमगढ़ , बस्ती व गोरखपुर जोन के जिलों में इस काम का जिम्मा क्वेस कॉरपोरेशन लिमिटेड और प्रयागराज , मीरजापुर व वाराणसी जोन के जिलों में ' स्टलिंग टेक्नोलॉजी एंड सर्विसेज लिमिटेड को दिया गया है। शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर मीटर रीडिंग करने, बिल बनाने, बिल देने और राजस्व वसूलने के लिए शर्त रखा गया है कि संबंधित एजेंसी डिस्काम मुख्यालय पर एक क्लस्टर हेड व एक डाटा एनालिस्ट, जोन स्तर पर एक डिप्टी टीम लीडर, मंडल स्तर पर एक प्रबंधक और खंड स्तर पर प्रत्येक 50,000 उपभोक्ताओं पर एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति करनी होगी।

एजेंसी को अपने मैनेजर से लेकर एमडी के नाम, मोबाइल नंबर और कर्मचारी का बायोडाटा (नाम , पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि) यूपीपीसीएल व डिस्काम प्रबंधन को उपलब्ध कराना होगा। इन सभी कामों को 30 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा कर लेना होगा, ताकि एक नवम्बर से कार्य प्रारंभ हो सकें। उसके पूर्व अनुबंधित एजेंसी को 15 अक्टूबर से अगले दो सप्ताह के दौरान शर्त के मुताबिक समस्त कार्यों मसलन मीटर रीडर के परफार्मेंस, मीटर से संबंधित सभी गतिविधियों को डाउनलोड करना, प्रिंटर टेस्ट आदि का प्रारंभिक परीक्षण कर लेना होगा, ताकि काम शुरू होने के पश्चात व्यवधान उत्पन्न न हो।

डिस्काम के 21 जिलों में खोलने होंगे 3866 कैश काउंटर : यूपीपीसीएल सूत्रों की मानें तो अनुबंध के तहत पूर्वांचल डिस्काम के 21 जिलों में 3866 बीट (कैश काउंटर) खोलने होंगे। जो मोबाइल, प्रिंटर व पावर बैंक से लैस होंगे । इसमें आजमगढ़, बस्ती व गोरखपुर जोन के जिलों में 1385 और प्रयागराज, मीरजापुर व वाराणसी जोन के जिलों में 2481 कैश काउंटर खोलने होंगे। कैश काउंटरों की संख्या जिलों के उपभोक्ताओं की संख्या के आधार पर तय करने होंगे।

पूर्व में फेल हो चुकी है यह एजेंसी : फरवरी 2012 में इसी एजेंसी यानी स्टर्लिंग कंपनी को ही वाराणसी में उपभोक्ताओं के मीटर की रीडिंग कर बिल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी मिली थी। लेकिन तब कंपनी अपने काम पर खरा नहीं उतरी और विभागीय अधिकारियों - कर्मचारियों व उपभोक्ताओं की शिकायत पर इससे काम छिन लिया गया। अब पुनः इसी कंपनी को यह काम दिया गया है। अब देखना यह है कि पूर्वांचल में स्टर्लिंग कंपनी के पुनः आने से प्रयागराज, मीरजापुर और वाराणसी जोन के उपभोक्ताओं व विभागीय वितरण कार्मिकों को बिल जनरेशन, डिस्ट्रीब्यूशन एवं कलेक्शन में कितना राहत मिलता है।

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