आजमगढ़ में पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने संभाला कार्यभार, कहा - 'जिसकी पैरवी नहीं, उसकी मदद पहले'
थाने में अगर कोई बीमार आता है और मदद मांगता है तो उसे पुलिस की जीप से अस्पताल पहुंचाया जाएगा। थानों में जाने वालों के साथ पुलिस का व्यवहार बेहतर होना चाहिए अगर कोई मार खाकर आया है ताे एनसीआर नहीं बल्कि एफआइआर दर्ज की जाएगी।
आजमगढ़, जागरण संवाददाता। नवागत पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत में साफ-सुथरी पुलिसिंग को अपनी प्राथमिकता बताई। कहा कि खासतौर से उस व्यक्ति की पहले मदद की जाएगी जो गरीब हो और उसके लिए कोई पैरवी करने वाला न हो।थानों में पहुंचने वालों को पूरा सम्मान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केवल अपराध के मामले में ही नहीं, बल्कि थाने में अगर कोई बीमार आता है और मदद मांगता है, तो उसे पुलिस की जीप से अस्पताल पहुंचाया जाएगा। थानों में जाने वालों के साथ पुलिस का व्यवहार बेहतर होना चाहिए, अगर कोई मार खाकर आया है ताे एनसीआर नहीं, बल्कि एफआइआर दर्ज की जाएगी। महिला उत्पीड़न के मामले में त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
एसपी ने बताया कि छेड़खानी की घटना पर विराम लगाने के लिए आते ही सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक सड़कों पर फर्राटा भरने वाले बिना हेलमेट लगाए युवाओं के खिलाफ अभियान शुरू कराया है।बड़े अपराधियों के मन में पुलिस का खौफ पैदा किया जाएगा और उसकी आर्थिक कमर तोड़ने के लिए कानून के सभी शस्त्रों का प्रयोग किया जाएगा। यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए नगर पालिका समेत सभी जिम्मेदारों से सहयोग लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि हम यह भी देखेंगे कि किस थाने के ज्यादा लोग हमारे पास फरियाद लेकर आ रहे हैं। जिस थाना क्षेत्र के ज्यादा लोग आएंगे उसके बारे में माना जाएगा कि वहां के प्रभारी की जनसुनवाई में रुचि नहीं है।पुलिस की छवि खराब करने वालों को दंडित करने के साथ अच्छा काम करने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
पुलिस व जनता के लिए जारी करेंगे हेल्पलाइन नंबर : एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि बेहतर पुलिसिंग की महत्वपूर्ण कड़ी जनता है।हम उससे सीधे जुड़ने और सूचनाएं प्राप्त करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करेंगे। इस नंबर पर वह अपनी परेशानी के साथ आसपास होने वाले अपराधों की सूचना भी साझा कर सकेगी। अपराधियों के बारे में सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। इसी क्रम में पुलिसकर्मियों की समस्या जानने के लिए एक नंबर जारी किया जाएगा। तमाम पुलिस वाले ऐसे हैं जो अपनी समस्या हम तक नहीं पहुंचा पाते और तनाव से गुजरते हैं। जाहिर सी बात है कि हमारे पुलिसकर्मी तनाव में रहेंगे, तो बेहतर सेवा नहीं दे पाएंगे।