वाराणसी के बाजार में गर्मियों की हरी सब्जियों ने दी दस्तक, प्याज के तेवर सीजन होने के बाद भी बरकरार
बाजार में नई सब्जियों की आवक शुरू हो गयी है। खास बात यह है कि बेमौसमी सब्जियों के भाव सस्ते हैं वहीं मौसमी सब्जियों के भाव में तेजी है। सब्जी विक्रेताओं की माने तो ग्राहक भी इस समय नई और बेमौसमी सब्जियों की खरीदारी में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। मौसम बदलते ही बाजार में नई सब्जियों की आवक शुरू हो गयी है। खास बात यह है कि बेमौसमी सब्जियों के भाव सस्ते हैं वहीं मौसमी सब्जियों के भाव में तेजी है। सब्जी विक्रेताओं की माने तो ग्राहक भी इस समय नई और बेमौसमी सब्जियों की खरीदारी में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं। बात अगर मौसमी सब्जियों की करें तो गत दस दिनों में मौसमी सब्जियों के भाव में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
पहाड़ी क्षेत्रों से आ रही बेमौसमी सब्जियां
लमही सब्जी मंडी के व्यापारी भोला जायसवाल और मुकेश जायसवाल ने बताया कि बेमौसमी सब्जियां जैसे नेनुआ, भिंडी, करैला, सहजन, परवल, कटहल की आवक इस समय पहाड़ी क्षेत्रों जैसे सोनभद्र, मीरजापुर और मध्यप्रदेश के सतना, कटनी से हो रही है। वहां की मंडियों में 15 रुपये किलो नेनुआ, 20 रुपये किलो भिंडी, 30 रुपये किलो परवल, 25 रुपये किलो करैला का भाव चल रहा है। भाड़ा और रास्ता खर्चा जोड़कर वाराणसी आते आते इसका भाव बढ़ जा रहा है। उसके बाद थोक विक्रेता 2 से 5 रुपये प्रति किलो अपना मुनाफा रखकर फुटकर विक्रेता को बेच रहे हैं।
नेनुआ | 30-35 |
भिंडी | 40-50 |
परवल | 45-50 |
करैला | 55-60 |
कटहल | 50-60 |
मटर | 30-40 |
गोभी | 10-15 प्रति पीस |
बैगन | 25-30 |
लौकी | 20-25 |
कोहड़ा | 15-20 |
नोट : अन्य सब्जियों के दाम प्रति किलो में है।
सब्जियां सूखने के डर से कम मुनाफे पर बेच रहे फुटकर व्यापारी
अब तेज धूप होने के कारण हरी सब्जियां सूखने के डर से फुटकर व्यापारी कम मुनाफे पर ही सब्जियां बेच दे रहे हैं। उनका कहना है कि तेज धूप से हरी सब्जियां इस समय जल्दी सूख जा रही हैंं। यदि सब्जी सूख गई तो लागत भी निकालना मुश्किल हो जाएगा।
प्याज के तेवर बरकरार
वाराणसी मंडी में प्याज का थोक भाव 220 रुपये प्रति पांच किलो थोक में तो फुटकर में 250 रुपये प्रति पांच किलो रहा। इस लिहाज से सप्ताह भर में प्याज का भाव स्थिर बना हुआ है। इस लिहाज से सीजन में प्याज की खरीद रसोई पर भारी पड़ रही है। सब्जियों में प्याज के आंसू से पूर्वांचल सीजन होने के बाद भी रो रहा है।