घूस लेते रंगेहाथ पकड़ा गया अलीनगर थाने का उप निरीक्षक, कचहरी के पास गिरफ्तार
मारपीट के मामले में आरोपितों पर धारा बढ़ाने के लिए पीड़ित पक्ष से 10 हजार रुपये घूस लेते अलीनगर थाने के जफरपुर चौकी प्रभारी एंटी करप्शन की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
चंदौली, जेएनएन। मारपीट के मामले में आरोपितों पर धारा बढ़ाने के लिए पीड़ित पक्ष से 10 हजार रुपये घूस लेते अलीनगर थाने के जफरपुर चौकी प्रभारी अवधेश सिंह को गुरुवार को एंटी करप्शन वाराणसी की टीम ने मुख्यालय स्थित कचहरी के पास रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। केमिकल लगे नोट भी जब्त कर लिए गए। टीम ने पीडीडीयू नगर कोतवाली में आरोपित दारोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित विभिन्न धाराआें में मुकदमा दर्ज कराया साथ ही न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण संगठन के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कही। कार्रवाई महकमे में चर्चा का विषय बनी रही।
भ्रष्टाचार निरोधक संगठन वाराणसी इकाई के निरीक्षक सुरेंद्र नाथ दुबे के अनुसार अलीनगर थाना क्षेत्र के नींबूपुर गांव में विगत चार फरवरी को खेत से मिट्टी निकालने को लेकर हुए विवाद में कुछ लोगों ने अजीत कुमार और उसकी माता उर्मिला को मारपीट कर घायल कर दिया। इस संबंध में दुलारे, गोविंद, आशुतोष और रवि के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इसकी विवेचना जफरपुर चौकी प्रभारी अवधेश सिंह कर रहे थे। आरोप है कि कार्रवाई के दौरान आरोपितों से धन लेकर मुकदमे से गंभीर धारा 392 हटा दी। वादी ने इसका विरोध किया तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया। प्रस्ताव रखा कि 10 हजार रुपये देने पर मुकदमे में नई धारा जोड़ देंगे। पीड़ित पक्ष ने दारोगा को सबक सिखाने के लिए एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। टीम के कहने पर भुक्तभोगी अजीत अपने पिता अशोक कुमार के साथ केमिकल लगा नोट लेकर दारोगा के बताए स्थान कचहरी के पास एक बाटी-चोखा की दुकान पर पहुंचे। एंटी करप्शन की टीम वहां मौजूद थी लेकिन इसकी भनक दारोगा को नहीं लग पाई। उसने जैसे ही नोटों का बंडल पकड़ा टीम ने दबोच लिया। पानी में हाथ डालते ही पानी और हथेली का रंग लाल हो गया। टीम ने नोट जब्त कर लिया। आरोपित को पीडीडीयू नगर कोतवाली लाया गया। सूचना मिलने पर सीआे सदर भी पहुंच गए। साक्ष्यों को सील करने के साथ मुकदमा दर्ज कराया गया। टीम में निरीक्षक विनोद यादव, सुरेंद्र नाथ दुबे, अशोक कुमार सिंह, आेमप्रकाश यादव, नरेंद्र, विजय सुनील आदि शामिल रहे।
आखों में शर्म आवाज में थी रौब
उपनिरीक्षक अवधेश ने अपने कृत्य से न केवल पुलिस महकमे की किरकिरी कराई बल्कि खाकी का स्याह चेहरा भी उजागर कर दिया। लेकिन घूसखोर दारोगा के मन में इसका मलाल नहीं था। भले ही शर्म के मारे वह अपने साथियों से आंख नहीं मिला पा रहा था लेकिन आवाज में रौब कायम थी। उसे कोतवाली प्रभारी के कार्यालय में बिना वर्दी बैठाया गया था। चेहरे की रंगत उड़ी हुई थी। लेकिन बातचीत से जाहिर नहीं होने दे रहा था। उसका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन साफ मना कर दिया।