वाराणसी में लाइब्रेरी स्टाइपेंड हाइक के लिए बीएचयू के सेंट्रल आफिस में छात्रों का धरना

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र सोमवार की दोपहर से लाइब्रेरी स्टाइपेंड हाइक के लिए केंद्रीय कार्यालय में धरने पर बैठ गए तो परिसर में गहमागहमी बढ़ गई। इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 03:59 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 03:59 PM (IST)
वाराणसी में लाइब्रेरी स्टाइपेंड हाइक के लिए बीएचयू के सेंट्रल आफिस में छात्रों का धरना
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र सोमवार दोपहर से लाइब्रेरी स्टाइपेंड हाइक के लिए केंद्रीय कार्यालय में धरने पर बैठे।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री के आगमन के कई मौकों पर बीएचयू में धरना प्रदर्शन और आंदोलन का दौर चलता रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को पीएम नरेन्‍द्र मोदी एक ओर वाराणसी में जनसभा को संबोधित कर रहे थे तो दूसरी ओर बीएचयू में छात्रों का धरना प्रदर्शन भी चल रहा था। दरअसल लाइब्रेरी स्‍टाइपेंड हाइक को लेकर छात्र आंदोलित हैं। इससे पूर्व भी इस प्रकरण को लेकर छात्र बीएचयू में अपनी मांगों के समर्थन में कुलपति को ज्ञापन सौंप कर अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं। पीएम के आगमन के दौरान बीएचयू में धरना प्रदर्शन को देखते हुए विवि प्रशासन में भी काफी गहमागहमी बनी रही और शाम तक अधिकारी छात्रों को समझाने बुझाने में जुटे रहे। 

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र सोमवार की दोपहर से लाइब्रेरी स्टाइपेंड हाइक के लिए केंद्रीय कार्यालय में धरने पर बैठ गए तो परिसर में गहमागहमी बढ़ गई। इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की। छात्रों का कहना था कि यह मामला कई सालों से विवि में लंबित है। इसके कारण छात्र काफी समय से परेशान हैं। खासकर बीते चार माह उनके लिए काफी परेशानी भरे रहे हैं। इससे पहले भी छात्र पिछले माह कुलपति को ज्ञापन सौंप चुके हैं।

छात्रों का आरोप था कि छात्र इस मांग को लेकर कई बार पहले भी प्रदर्शन कर चुके हैं। इससे पहले बीएचयू के पुस्तकालय व सूचना विज्ञान के छात्र कुलपति से मिलकर पुस्तकालय में अप्रेंटिस भत्ते को जल्द से जल्द 5000 से बढ़ाकर 11000 रुपये करने को लेकर ज्ञापन सौंपा था। ज्ञात हो कि इससे पहले 31 अगस्त को भी छात्र कुलपति से मिले थे। साथ ही कुलपति द्वारा मामला शिक्षा मंत्रालय में भेजे जा चुके होने, एवम जल्द से जल्द भत्ते में वृद्धि का आश्वासन मिला था। एक माह बीत जाने के बाद के अक्टूबर में भी भत्ता न बढ़ाए जाने पर धरने पर बैठे थे। उस दौरान गिरीश तिवारी, जपेष सिंह, सुधांशु सोनी, कुणाल, शुभम, सतीश, अमरजीत, साहिल, अमित, परमानंद, संजय, नीरज, हरेंद्र, अश्वनी, कांची, निधि, राखी, संध्या, सरस्वती आदि छात्र मौजूद रहे।

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