गाजीपुर के छात्रों ने सीएम को भेजा खून से लिखा पत्र, विश्‍वविद्यालय स्‍थापना को लेकर उठाई मांग

सरकार का ध्यान गाजीपुर की तरफ कराने का पूरा प्रयास किया है इसी क्रम में कोई ठोस पहल न होने से छात्रों ने अपने विश्वविद्यालय स्थापना की मांग की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए अपने खून से लिखा पत्र सरकार को भेजा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 13 Nov 2021 04:07 PM (IST) Updated:Sat, 13 Nov 2021 04:07 PM (IST)
गाजीपुर के छात्रों ने सीएम को भेजा खून से लिखा पत्र, विश्‍वविद्यालय स्‍थापना को लेकर उठाई मांग
छात्रों ने पत्र के माध्‍यम से सरकार का ध्यान गाजीपुर की तरफ कराने का पूरा प्रयास किया है।

गाजीपुर, जागरण संवाददाता। विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर सरजू पाण्डेय पार्क में छात्रों ने खून से लिखा मुख्यमंत्री के नाम संबोधित पत्रक को जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा है। विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर छात्र कई वर्षों से लगातार पत्रक व धरना तथा ट्विटर पर ट्रेंड कराकर सरकार का ध्यान गाजीपुर की तरफ खींचने का पूरा प्रयास किया है, इसी क्रम में कोई ठोस पहल न होने से छात्रों ने अपने विश्वविद्यालय स्थापना की मांग की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए अपने खून से लिखा पत्र सरकार को भेजा।

इस बाबत पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने बताया कि गाजीपुर जनपद की भूगौलिक पृष्ठभूमि 75 फीसदी ग्रामीण है। कम आय वर्ग की जनता यहां पर निवास करती है। यहां उच्च शिक्षा का अभाव है, विश्वविद्यालय स्थापना के सभी मानक पूर्ण करने के बावजूद आज तक गाजीपुर जनपद विश्वविद्यालय विहीन है। कहा कि हम सभी को उच्च शिक्षा ग्रहण करने का पूरा अधिकार है। इस वजह से आज छात्रों ने खून से लिखा पत्र सरकार को भेजने का काम किया है। इस बाबत सरकार शीघ्र विश्वविद्यालय को लेकर घोषणा करे, जिला पंचायत सदस्य गोविन्द यादव ने कहा कि छात्र वर्षों से मांग उठा रहे हैं लेकिन सरकार का ध्यान गाजीपुर जनपद की तरफ नहीं पड़ रहा।

इस बाबत जिले के छात्रों ने मजबूरन होकर एक साथ अपने खून से पत्र लिखा है। छात्रों के खून से लिखा पत्र सरकार को भेजना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर महामंत्री प्रवीण विश्वकर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय की मांग जल्द से जल्द पूर्ण नहीं की जाती है तो जनसमर्थन से छात्र उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। वहीं मौके पर मौजूद सभी छात्रों ने एक स्वर में कहा कि सरकार शीघ्र विश्वविद्यालय की मांग पूर्ण नहीं करती हैं तो विश्वविद्यालय स्थापना की मांग पूर्ण कराने तक छात्र अब धरना प्रदर्शन पर बैठने को बाध्य होंगे। इसके बाद छात्रों ने एक स्‍वर से आगे भी आंदोलन चलाते रहने की बात कही है।

chat bot
आपका साथी