BHU में डा. फिरोज के समर्थन में उतर आए छात्र, गेट पर रैली निकाल कर नियुक्ति का किया समर्थन

बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति का स्वागत करते उनके समर्थन में सिंह द्वार से रैली निकाली।

By Edited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 01:43 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 09:23 AM (IST)
BHU में डा. फिरोज के समर्थन में उतर आए छात्र, गेट पर रैली निकाल कर नियुक्ति का किया समर्थन
BHU में डा. फिरोज के समर्थन में उतर आए छात्र, गेट पर रैली निकाल कर नियुक्ति का किया समर्थन

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति का स्वागत करते हुए बुधवार शाम ज्वाइंट एक्शन कमेटी के नेतृत्व में बीएचयू के सिंह द्वार से रविदास गेट तक एक रैली निकाली गई। इस दौरान बहुलतावाद व संविधान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। सभा में छात्रों ने कहा कि डॉ. फिरोज खान को तत्काल नौकरी पर रखने के साथ विवि को उनकी सुरक्षा की जिम्म्मेदारी लेनी चाहिए। विश्वविद्यालय में धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव असंवैधानिक है।

बीएचयू के संस्थापक मदन मोहन मालवीय ने भी कहा है कि भारत न सिर्फ हिंदुओं का, बल्कि मुसलमान, सिख, जैन और ईसाई सबका है। बनारस की पहचान दारा शिकोह को संस्कृत पढ़ाने की गंगा जमुनी तहजीब से जुड़ी है। यह जमीन नजीर बनारसी और बिस्मिल्लाह खान साहब की है।

पिता का कुशलक्षेम जान बीएचयू लौटे फिरोज खान : बीएचयू स्थित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान अपने पैतृक गांव बगरु (जयपुर) से बुधवार को बनारस लौट आए। विवि प्रशासन के सहयोगात्मक रवैये पर आभार जताते हुए उन्होंने विरोध करने वालों को स्नेह की सीख दी। नियुक्ति को लेकर उपजे विवाद की चिंता में फिरोज के पिता रमजान खान बीमार पड़ गए थे। इधर, छात्रों के विरोध और कक्षाएं संचालित न होने के कारण उन्होंने जयपुर जाना ही उचित समझा। इस दौरान विवि परिसर में तरह-तरह के कयास भी लगाए जाने लगे थे।

वहीं उन्होंने वापस लौटकर आशंकाओं पर विराम लगाया। नियुक्ति मामले में विवि प्रशासन तय नियमों के अनुपालन और पारदर्शी प्रक्रिया के अपने बयान पर कायम रहकर फिरोज खान के साथ खड़ा है। इस बीच फिरोज की यू-ट्यब की एक ऑडियो क्लिप खूब साझा की जा रही है। इसमें वह बोल रहे हैं कि, 'वेग का शमन केवल स्नेह से किया जा सकता है, वेग से नहीं। मेरी नियुक्ति के विरोध में जो भी छात्र हैं उनसे अपील है कि एक बार मुझे जान-समझ तो लें। विवि प्रशासन चाहेगा तो मैं स्वयं छात्रों से बातचीत करने जा सकता हूं। ' फिरोज खान का नहीं, बीएचयू का है विरोध बीएचयू स्थित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति को लेकर धरनारत छात्रों ने कुलपति आवास के सामने बुधवार को प्रेसवार्ता की। कहा यह विरोध फिरोज खान का नहीं, बल्कि 'धर्म विज्ञान संकाय' में एक गैर हिंदू की नियुक्ति का है। फिरोज खान का विवि परिसर में स्वागत है। अगर यही नियुक्ति विवि के किसी अन्य संकाय में संस्कृत अध्यापक के रूप में होती तो विरोध नहीं होता।

यह समझने की जरूरत है कि 'संस्कृत विद्या' कोई भी और किसी भी धर्म का व्यक्ति पढ़ और पढ़ा सकता है, लेकिन 'धर्म विज्ञान' की बात जब कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति करे तो विश्वसनीयता नहीं रह जाती। यह संकाय देश के अन्य संस्कृत संकायों, विभागों से अलग है। बीएचयू में मालवीय जी ने इस संकाय की स्थापना संस्कृत विद्या के संरक्षण व संव‌र्द्धन के लिए इस उद्देश्य के साथ किया था कि हिंदुओं की धार्मिक मान्यताओं के वैज्ञानिक स्वरूप की व्याख्या की जा सके। छात्रों ने नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाया। कहा कि जरूरत पड़ने पर न्यायालय भी जाएंगे।

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