बीएचयू में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के विरोध में प्रदर्शनकारी छात्रों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ

बीएचयू में मुस्लिम प्रोफेसर को लेकर धरने पर बैठे छात्र हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 12:32 PM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 10:40 PM (IST)
बीएचयू में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के विरोध में प्रदर्शनकारी छात्रों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ
बीएचयू में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के विरोध में प्रदर्शनकारी छात्रों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ

वाराणसी, जेएनएन। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय-बीएचयू के साहित्य विभाग में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति को लेकर जहां विवि प्रशासन अपनी बात पर कायम है, वहीं विरोध में छात्रों का बेमियादी धरना 12वें दिन भी जारी रहा। विरोध के क्रम में छात्रों ने रविवार को रूद्राभिषेक किया तो वहीं सोमवार को 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया।

नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाते हुए छात्र सात नवंबर से ही कुलपति आवास के सामने धरनारत हैं। पिछले 12 दिनों से संकाय गेट पर ताला लटक रहा है। इस कारण पठन-पाठन तो बाधित है ही, मांगों पर विचार न किए जाने से 22 नवंबर को संभावित सेमेस्टर परीक्षा को लेकर भी विद्यार्थी सशंकित हैं। फिलहाल शोध छात्र चक्रपाणि ओझा के नेतृत्व में कृष्ण कुमार पांडेय, शुभम तिवारी, शशिकांत मिश्र, विनीत उपाध्याय, रणवीर, सत्येंद्र तिवारी, प्रशांत चतुर्वेदी, सुजीत तिवारी, राज दुबे, आनंद तिवारी, त्रिपुरारी झा, भरत कुमार व्यास आदि धरनारत हैं और विवि प्रशासन की ओर से मांगों पर विचार करने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

आरोप गलत, सही है नियुक्ति

विवि प्रशासन सोमवार को भी अपनी बात पर कायम रहा और नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बताते हुए फिरोज खान की नियुक्ति को सही ठहराया। कुलपति प्रो. राकेश भटनागर के मुताबिक विश्वविद्यालय धर्म, जाति, संप्रदाय, लिंग आदि के भेदभाव से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण के लिए सभी को अध्ययन एवं अध्यापन के समान अवसर उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।

विरोध ने किया हतोत्साहित

धर्म-विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त जयपुर जिले के बगरू निवासी फिरोज खान विरोध के माहौल से हतोत्साहित हैं। कहते हैं कि पिता रमजान खान ने संस्कृत में शास्त्री की उपाधि ली है। उन्हीं की प्रेरणा से मैंने दूसरी कक्षा से संस्कृत की शिक्षा लेनी शुरू की। संस्कृत से मैंने जेआरएफ किया, लेकिन कभी भी मुस्लिम होने के नाते कोई परेशानी नहीं हुई। दो वर्ष पूर्व बीएचयू से ही मुझे संस्कृत गायन के लिए आमंत्रित किया गया था। मगर नियुक्ति को लेकर चल रहे आंदोलन से मैं हतोत्साहित हूं।

फिरोज खान का नहीं, नियुक्ति का है विरोध

धरने की अगुआई कर रहे शोधछात्र चक्रपाणि ओझा के मुताबिक यह विरोध फिरोज खान का नहीं, बल्कि 'धर्म विज्ञान संकाय में एक गैर हिंदू की नियुक्ति का विरोध है। अगर यही नियुक्ति विवि के किसी अन्य संकाय में संस्कृत अध्यापक के रूप में होती तो विरोध नहीं होता। यह समझने की जरूरत है कि 'संस्कृत विद्या' कोई भी किसी भी धर्म का व्यक्ति पढ़ और पढ़ा सकता है, लेकिन 'धर्म विज्ञान' की बात जब कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति करे तो विश्वसनीयता नहीं रह जाती। यह संकाय देश के अन्य संस्कृत संकायों, विभागों से अलग है। बीएचयू में मालवीय जी ने इस संकाय की स्थापना संस्कृत विद्या के संरक्षण व संवद्र्धन के लिए इस उद्देश्य के साथ किया था कि हिंदुओं की धार्मिक मान्यताओं के वैज्ञानिक स्वरूप की व्याख्या की जा सके। 

नियुक्ति में हुई धांधली, की जाए जांच

धरनारत छात्रों ने नियुक्ति में धांधली के लिए साहित्य विभाग के ही एक शिक्षक पर आरोप लगाया है। छात्रों के मुताबिक साक्षात्कार में कुल 10 अभ्यर्थी थे। फिरोज खान को छोड़कर सभी को शून्य से दो के बीच अंक दिए गए, जबकि उन्हें दस में दस अंक दिए गए, जो संदेह पैदा करते हैं। यदि निष्पक्ष जांच की जाए तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।

हमारे बोलने पर है मनाही...

आंदोलन से संकाय में पठन-पाठन ठप है। सेमेस्टर परीक्षा को लेकर विद्यार्थी जहां सशंकित हैं, वहीं शिक्षकगण भी चिंतित हैं। विभाग के सामने पार्क में गोपनीय बैठक कर विवि प्रशासन से समन्वय बनाने की रूपरेखा बनाई जा रही है, ताकि छात्रहित में कोई निर्णय लिया जा सके। इस संदर्भ में जब डीन प्रो. विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र व अन्य शिक्षकों से पत्रकारों ने बात करनी चाही तो सभी ने साफ इनकार कर दिया। कहा विवि नियम के मुताबिक कोई भी बयान देने के लिए मनाही है।

क्या था मामला 

बीएचयू स्थित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में गत पांच नवंबर को फिरोज खान की नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर की गई थी। छात्रों के साथ ही शिक्षकों के एक धड़े ने एसवीडीवी के साहित्य विभाग में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति का विरोध किया। इसके बाद सात नवंबर की दोपहर विभाग के छात्र नियुक्ति में धांधली व महामना के आदर्शों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए वीसी आवास के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। 

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