Lockdown in varanasi : अंगुलियों पर चल रही क्लास और 'छुट्टी' पर अवकाश
लॉकडाउन ने लोगों को ऑनलाइन होने के लिए बाध्य कर दिया है।
वाराणसी, जेएनएन। लॉकडाउन ने लोगों को ऑनलाइन होने के लिए बाध्य कर दिया है। वर्तमान में छोटे-छोटे बच्चे भी मोबाइल व कंप्यूटर पर ऑनलाइन पढ़ाई करते देखे जा रहे हैं। ऑनलाइन क्लास शिक्षकों व बच्चों के अंगुलियों पर चल रही है। संडे हो या मंडे क्लास बिना रुकावट के जारी है। कुछ शैक्षिक संस्थाओं का कहना है कि जब शिक्षक व बच्चों को घर से बाहर निकलना नहीं है तो दिन में ऑनलाइन क्लास चलाने में क्या दिक्कत है। रविवार को स्कूल बंद रहता है लेकिन बच्चे तो घर पढ़ते ही हैं। बात भी सही है कि ऑनलाइन क्लास में कैसा अवकाश? देश में ऑनलाइन पठन-पाठन का माहौल परिस्थितिजन्य हुआ है। शैक्षिक संस्थानों ने इसकी तैयारी नहीं की थी। इसके बावजूद ऑनलाइन कक्षाएं काफी हद तक सफल हैं। इसके कारण बच्चे स्कूल जाने से भी मुक्त हैं। पहले स्कूल आने-जाने में बच्चों का समय जाया होता था। स्कूली बसों को जाम का सामना करना पड़ता था। बच्चों को अब बैग का बोझ भी नहीं उठाना पड़ रहा है। मौज-मस्ती संग बच्चे घरों में ही रहकर ज्ञान अर्जित कर रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई पर अभिभावक भी नजर बनाए हुए हैं। हालांकि घर में बच्चों को दोस्तों की कमी खल रही है। इसे दूर करने के लिए बच्चे दिन में एक दो बार ग्रुप बनाकर आपस में वीडियो काल कर रहे हैं।
- बदले संस्कार को करें स्वीकार कोरोना महामारी को लेकर पूरे विश्व में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इस वायरस का असर देश-दुनिया में कब तक रहेगा इसका आकलन करना मुश्किल है। ऐसे में स्कूल-कालेज खुलने की स्थिति भी नहीं है। इसे देखते हुए शैक्षिक संस्थानों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की है। अभिभावकों व बच्चों को सलाह दी जा रही कि शिक्षा के बदले संस्कार को जितना जल्दी स्वीकार करेंगे उनके हित में होगा। आलोचना करेंगे तो वह शिक्षा के ज्ञान से दूर होते जाएंगे।
- सरकार भी कर रही पहल लॉकडाउन को देखते हुए सरकार भी बच्चों को ई-प्लेटफार्म उपलब्ध करा रही हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने विद्यादान स्कीम लांच की है। एमएचआरडी स्कूली बच्चों को क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यसामग्री मुहैया कराने जा रहा। ऑनलाइन शिक्षा को लेकर सरकार का सराहनीय प्रयास जारी है।