गाजीपुर में तेज रफ्तार बोलेरो से कुचलकर छात्र की मौत, एसडीएम के लिखित आश्वासन पर माने लोग

सूचना पर बड़ी संख्या में मौके पर फोर्स पहुंच गई। वह भीड़ को समझाती रही लेकिन लोग मुआवजे कार्रवाई और बड़े अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। सूचना पर पहुंचे एसडीएम जखनियां बीर बहादुर सिंह यादव ने किसी तरह लोगों को समझाया बुझाया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 12:10 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 12:10 PM (IST)
गाजीपुर में तेज रफ्तार बोलेरो से कुचलकर छात्र की मौत, एसडीएम के लिखित आश्वासन पर माने लोग
सूचना पर बड़ी संख्या में मौके पर फोर्स पहुंच गई, वह भीड़ को समझाती रही।

गाजीपुर, जागरण संवाददाता। बहरियाबाद थाना क्षेत्र के गहनी गांव निवासी व यूकेजी के छात्र नैतिक राजभर उर्फ मंगला राजभर (7) को गुरुवार की सुबह स्कूल के सामने तेज रफ्तार बोलेरो ने कुचल दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। आक्रोशित लोगों ने विरोध में सड़क जाम कर दिया। करीब सवा तीन घंटे बाद एसडीएम के मुआवजा देने व कार्रवाई के आश्वासन के बाद जाम समाप्त हुआ। मौत से स्वजनों में कोहराम मचा रहा। नीरज राजभर का बड़ा बेटा नैतिक बहरियाबाद स्थित एक पब्लिक स्कूल में यूकेजी का छात्र था।

स्कूली वैन से आने के बाद वह कक्षा में गया। वहां से कुरकुरे लेने के लिए गेट के बाहर निकला ही था कि बहरियाबाद चौराहे से सादात की तरफ तेजी से जा रही सफेद बोलेरो की चपेट में आ गया। बोलेरो का पिछला चक्का उसके सिर पर चढ़ गया। इससे मौके पर ही उसके प्राण पखेरू उड़ गए। हादसे के बाद चालक मौके से भाग निकला। सूचना पर पहुंची पुलिस शव को लेकर थाने चली आई। कुछ ही देर में पहुंचे स्वजन और आक्रोशित सैकड़ों लोगों ने बहरियाबाद मुख्य चौराहे पर सैदपुर-चिरैयाकोट व बहरियाबाद-सादात मार्ग जाम कर दिया।

सूचना पर बड़ी संख्या में मौके पर फोर्स पहुंच गई। वह भीड़ को समझाती रही, लेकिन लोग मुआवजे, कार्रवाई और बड़े अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। सूचना पर पहुंचे एसडीएम जखनियां बीर बहादुर सिंह यादव ने किसी तरह लोगों को समझाया बुझाया। उनके द्वारा गरीब परिवार को जमीन उपलब्ध कराने, दोषी के खिलाफ कार्रवाई के लिखित आश्वासन पर तीन घंटे बाद जाम समाप्त हुआ। मौके पर लोगों की भीड़ जुटी रही।नैतिक की मौत से घर-परिवार ही नहीं स्कूल के बच्चे और उसके साथी भी दुखी रहे। मौत के बाद दो मिनट का मौन रखकर स्कूल बंद कर दिया गया। उधर, नैतिक के पिता मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले नीरज व मां ममता का रो-रोकर बुरा हाल है। छोटा भाई शिवांश भी बेहाल है। स्वजन को लोग ढांढस बंधाते रहे।

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