बलिया में चिडिय़ा मारने को लेकर दो पक्षों में घंटों चले लाठी-डंडे, डायल 112 वाहन भी क्षतिग्रस्त

बलिया के बसंतपुर में शुक्रवार की रात चिडिय़ा मारने के विवाद में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। इस मामले में चार नामजद व 15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 05:55 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 03:22 AM (IST)
बलिया में चिडिय़ा मारने को लेकर दो पक्षों में घंटों चले लाठी-डंडे, डायल 112 वाहन भी क्षतिग्रस्त
बलिया में चिडिय़ा मारने को लेकर दो पक्षों में घंटों चले लाठी-डंडे, डायल 112 वाहन भी क्षतिग्रस्त

बलिया, जेएनएन। सुखपुरा थाना क्षेत्र के बसंतपुर में शुक्रवार की रात चिडिय़ा मारने के विवाद में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। घंटो चले इस गुरिल्ला युद्ध में दोनों पक्षों से लाठी-डंडे व ईंट-पत्थरों की बरसात होती रही। सूचना पर पहुंचे पीआरवी जवानों को भी लोगों ने नहीं बख्शा और उनके वाहन को लक्ष्य कर पत्थरबाजी की गई। इसमें डायल 112 वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। पथराव में कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ किंतु आधा दर्जन लोग चोटिल हुए हैं।

कुछ देर बाद मौके पर पहुंची कई थानों की पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और दोनों पक्षों के नौ लोगों को हिरासत में लेकर थाने चले आई। उधर गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। वहीं पीआरवी जवान सुरेन्द्र निषाद की तहरीर पर चार नामजद व 15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। चर्चा है कि राजभर बस्ती के कुछ युवा पिछले कुछ दिनों से सुरहा ताल में चिडिय़ों का लगातार शिकार कर रहे थे। इसकी जानकारी जब दूसरे पक्ष के युवकों को हुई तो इसका विरोध किया और शिकार न करने को कहा। बावजूद नहीं माने तो इसकी सूचना वन दारोगा को दे दी। वन दारोगा ने दोनों पक्ष के लोगों को समझा-बुझाकर भविष्य में चिडिय़ों का शिकार न करने की हिदायत और मौके पर मिली चिडिय़ों का दोनों पक्षों में बांट दिया। शिकायत से खार खाए राजभर बस्ती के युवकों ने अगले दिन शिकायतकर्ता को रोक कर पूछताछ करनी शुरु कर दी।

इसी बीच दोनों पक्ष में कहासुनी बढ़ गई और वे आपस में भिड़ गए। सूचना पर पहुंचे पीआरवी जवान दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास कर रहे थे कि अचानक बस्ती से दर्जनों पुरुष-महिलाएं लाठी-डंडे व ईंट-पत्थर से लैस हो मौके पर पहुंच गये और पुलिस पर हमला बोल दिया। ईंट पत्थर चलने के कारण 112 नंबर की गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। यहां तक कि कुछ जवनों को भी चोटें आई। इस बीच मौके मिलते ही पीआरवी जवान दूसरे पक्ष के लड़कों को लेकर वहां से निकल गए और इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। सूचना पर पहुंचे सीओ सदर अरुण कुमार सिंह के साथ भी आक्रोशित राजभरों ने बदसलूकी करना शुरू कर दिया। इसी बीच कई थानों की फोर्स पहुंच गई और धर-पकड़ शुरू कर दिया। इसमें दोनों पक्षों के नौ लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। समाचार लिखे जाने तक अभी किसी तरफ से कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। 

पुलिस की सरपरस्ती में होता है शिकार

सुरहा की वादियों में चिडिय़ों का शिकार कोई नई बात नहीं है। आए दिन लोग वहां दुलर्भ प्रजाति के चिडिय़ों का शिकार करते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वन दरोगा व पुलिस की मिलीभगत से ही यहां यह कार्य धड़ल्ले से चलता है। यहां तक कि इन चीडिय़ों को बाजार में बेचा भी जाता है लेकिन कोई भी जिम्मेदार मुंह तक नहीं खोलता। लोगों का कहना है कि घटना की जानकारी सुखपुरा पुलिस को पहले से थी बावजूद पुलिस कुंभकर्णी नींद में थी। स्थानीय पुलिस की सरपरस्ती व नजर अदांज के कारण ही इस प्रकार की घटना घटी है।

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