सोनभद्र में अधूरी पड़ी है प्रदेश की एक मात्र अंडर ग्राउंड वाटर टनल, निर्माण की सुस्‍त रफ्तार

वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण कार्य को रोक दिया गया है। अभी तक 50 फीसद ही काम पूरा हो सका है। कनहर सिंचाई परियोजना से जुड़ी इस टनल के निर्माण से सैकड़ों गांवों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी व हजारों हेक्टेयर असिंचित भूमि भी लहलहाएगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 01:29 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 01:29 PM (IST)
सोनभद्र में अधूरी पड़ी है प्रदेश की एक मात्र अंडर ग्राउंड वाटर टनल, निर्माण की सुस्‍त रफ्तार
वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण कार्य को रोक दिया गया है।

सोनभद्र [दीपक शुक्ल]। जनपद में बन रही प्रदेश की सबसे लंबी अंडर ग्राउंड वाटर टनल का निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका है। वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण कार्य को रोक दिया गया है। अभी तक 50 फीसद ही काम पूरा हो सका है। कनहर सिंचाई परियोजना से जुड़ी इस टनल के निर्माण से सैकड़ों गांवों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी व हजारों हेक्टेयर असिंचित भूमि भी लहलहाएगी।

दुद्धी के अमवार में निर्माणाधीन कनहर सिंचाई परियोजना से सिंचाई के लिए नहर का निर्माण कराया जा रहा है। परियोजना के माध्यम से प्रदेश की सबसे बड़ी लगभग 2660 मीटर लंबी अंडर ग्राउंड वाटर टनल भी बनाई जा रही है। वर्ष 2017 से शुरू हुई इस अंडरग्राउंड वाटर टनल को जून 2021 में ही पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था। वन विभाग की अड़चन होने के चलते काम को बंदा करना पड़ गया है। यह अंडर ग्राउंड वाटर टनल पहाड़ों, रेलवे लाइनों व राष्ट्रीय मार्ग के नीचे से होकर गुजरेगी। परियोजना के माध्यम से नहर बनाकर दुद्धी व कोन क्षेत्र को जोड़ा जा रहा है। बीच में कहीं पहाड़, कहीं रेलवे लाइन तो कहीं राष्ट्रीय राजमार्ग आने के कारण अंडरग्राउंड वाटर टनल बनाई जा रही है। कोन क्षेत्र में सिंचाई के लिए निकाली जा रही इस नहर को हरनाकछार गांव में नेशनल हाइवे, रेलवे लाइन व कोन के कचनरवा में बीच में पड़ रहे पहाड़ों के नीचे से ले जाने के लिए यह टनल बनाई जा रही है। इस परियोजना के निर्माण से उसर बंजर जमीनों के काश्तकार जो काम के लिए बाहर की ओर पलायन करते थे, अपने खेतों में फसल उपजाएंगे। इससे न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, अपितु क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

26076 हेक्टेयर खेती की होगी सिंचाई : वाटन टनल नहर का निर्माण होने से रबी व खरीफ को मिलाकर लगभग 26076 हेक्टेयर खेती की सिंचाई होगी। पानी की व्यवस्था नहीं होने से यह भूमि बंजर हो गई है। किसान सिर्फ बारिश के पानी पर ही निर्भर रहते हैं। इस परियोजना को जून 2021 को पूरा किए जाने का लक्ष्य रख गया था। अब तक लगभग 50 प्रतिशत कार्य ही हुआ है।

100 करोड़ की लागत से हो रहा निर्माण : अंडरग्राउंड वाटर टनल के निर्माण में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी। परियोजना के तहत 2660 मीटर टनल का निर्माण कराया जाना है, जबिक अब तक लगभग 1430 मीटर से भी अधिक टनल बनाई जा चुकी है।

बोले अधिकारी : कनहर सिंचाई परियोजना के तहत दुद्धी को कोन से नहर के माध्यम से जोड़ने के लिए 2660 मीटर अंडरग्राउंड वाटर टनल का निर्माण कराया जा रहा है। टनल का निर्माण कार्य लगभग 50 फीसद पूरा हो चुका है। शेष कार्य वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण रुका हुआ है। हालांकि वन विभाग से एनओसी मिल गई है, लेकि मामला शासन स्तर से लंबित है। जैसे ही वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी युद्ध स्तर पर कार्य कराकर इसे पूर्ण करा दिया जाएगा। - दीपक कुमार, अधीक्षण अभियंता, कनहर परियोजना।

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