छह टोल प्लाजा पर 114 करोड़ के स्टांप शुल्क की चोरी, एनएचएआइ संग अनुबंध में की गई धांधली

राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने प्रदेश के कई टोल प्लाजा पर जो अनुबंध हुए उसमें सैकड़ों करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी में चोरी हुई।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 11:02 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 11:02 AM (IST)
छह टोल प्लाजा पर 114 करोड़  के स्टांप शुल्क की चोरी, एनएचएआइ संग अनुबंध में की गई धांधली
छह टोल प्लाजा पर 114 करोड़ के स्टांप शुल्क की चोरी, एनएचएआइ संग अनुबंध में की गई धांधली

वाराणसी [अशोक सिंह]। दो पक्षों में जब भी कोई अनुबंध होता है तो अनुबंध पत्र के लिए नियमानुसार स्टांप ड्यूटी देनी होती है। ये नियम हर व्यक्तिगत और संस्थागत पर लागू होता है। इसके बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने प्रदेश के कई टोल प्लाजा पर जो अनुबंध हुए उसमें सैकड़ों करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी में चोरी हुई। इन सभी की चोरी तो पकड़ी गई लेकिन उसकी वसूली प्रक्रिया पर रोक लगी हुई थी। शासन ने अब रोक हटा दी है इसलिए वसूली का रास्ता साफ हो गया है। 

राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के बाद टोल वसूली के लिए प्रदेश भर में जगह-जगह प्लाजा बनाए गए। टोल की वसूली का ठेका एनएचएआइ जारी किया। करीब 10 वर्ष पूर्व इन्हीं ठेकों के लिए एनएचआइ से जिन कंपनियों ने ठेके लिए उन्होंने अनुबंध किया। अनुबंध में किराया, नजराना, ठेके की राशि आदि शामिल थी। इस पर नियम के अनुसार स्टांप ड्यूटी देनी थी लेकिन कंपनियों ने निर्धारित स्टांप देने में चोरी की। निबंधन विभाग द्वारा जब जांच की गई तो इसका खुलासा हुआ। मुकदमों के मुताबिक प्रदेश के छह टोल प्लाजा के अनुबंध में 114.40 करोड़ रुपये की चोरी सामने आई। मामला कलेक्टर के न्यायालयों में पहुंच गया। इसी बीच चार जून 2018 को शासन ने इन टोल प्लाजा से वसूली की कार्रवाई पर रोक लगा दी। रोक आदेश में कहा गया कि एनएचएआइ द्वारा टोल संग्रह किए जाने वाले सभी अनुबंधों पर स्टांप कमी की वसूली के लिए कोई कार्रवाई न की जाए। इस कारण सभी कार्रवाई ठप पड़ी हुई थी। इसी नौ दिसंबर को शासन ने पहले के आदेश को निरस्त करते हुए वसूली की कार्रवाई जारी किए जाने का निर्देश दिया है। इससे अब राजस्व की वसूली की जाएगी। 

अनुबंध का क्या है नियम

अनुबंध में नजराना आदि के रूप में जमा की गई धनराशि पर भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 के अनुच्छेद 35 सी के अंतर्गत स्टांप शुल्क के रूप में दो फीसद और दो फीसद विकास शुल्क देय होता है। अगर कोई अनुबंध 30 वर्ष के लिए होता है तो उतने पर देय होता है। 

किस टोल प्लाज पर कितनी वसूली 

42.28 करोड़- फैजाबाद टोल प्लाजा

42.28 करोड़- उन्नाव टोल प्लाजा

21.50 करोड़- बस्ती टोल प्लाजा

6.79 करोड़- वाराणसी टोल प्लाजा

1.10 करोड़- कुशीनगर टोल प्लाजा

45.60 करोड़- जौनपुर टोल प्लाजा

बोले अधिकारी : टोल प्लाजा के अनुबंध में बड़े पैमाने पर स्टांप चोरी की बात सामने आई है। शासन के रोक की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। अब रोक हट गई है तो तारीख निर्धारित की जाएगी और वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। - अशोक कुमार वर्मा, जिला शासकीय अधिवक्ता, वाराणसी। 

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