आजमगढ़ में लिक्विड मेडिकल आक्सीज की आर्पूित ठप, रिफिलिंग प्लांट बंद होने से अस्‍पतालों में भर्ती मरीजों को दिक्‍कत

एकरामपुर में स्थित आक्सीजन का प्लांट बंद होने से अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की जान संकट में पड़ गई है। एलएमओ (लिक्विड मेडिकल आक्सीजन) की आपूर्ति न हो पाने के कारण फैक्ट्री में उत्पादन ठप हुआ है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 12:10 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 02:55 AM (IST)
आजमगढ़ में लिक्विड मेडिकल आक्सीज की आर्पूित ठप, रिफिलिंग प्लांट बंद होने से अस्‍पतालों में भर्ती मरीजों को दिक्‍कत
आक्सीजन का प्लांट बंद होने से अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की जान संकट में पड़ गई है।

आजमगढ़, जेएनएन। शहर के एकरामपुर में स्थित आक्सीजन का प्लांट बंद होने से अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की जान संकट में पड़ गई है। एलएमओ (लिक्विड मेडिकल आक्सीजन) की आपूर्ति न हो पाने के कारण फैक्ट्री में उत्पादन ठप हुआ है। प्रशासन को इसकी भनक लगी तो नींद उड़ गई। ऐसे में डैमेज कंट्रोल के लिए पहले निजी अस्पतालों की आपूर्ति को कम कर दिया गया। हालात को भांपते हुए निजी अस्पताल के प्रबंधन ने अपने यहां भर्ती मरीजों को ले जाने के लिए नोटिस जारी करने लगे। ऐसे में मुश्किल देर रात तक जारी रही। हालांकि प्रशासन ने जल्द ही स्थिति सामान्य होने की बात कही है।

असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग मनुशंकर ने बताया कि अकेले आजमगढ़ में निजी और सरकारी मिलाकर रोजाना दो हजार आक्सीजन सिलिंडर की जरूरत है। इसमें से 1100 सिलिंडर प्रतिदिन राजकीय मेडिकल कालेज चक्रपानपुर को दिया जा रहा है। वहां आक्सीजन की आपूर्ति मऊ जिले से की जा रही है। चूंकि मऊ के प्लांट की क्षमता मात्र 650 सिलिंडर देने की है, ऐसे में मुश्किलें गहरा गईं हैं। दुश्वारियां चल ही रही रहीं थीं कि शहर के भी एक आक्सीजन प्लांट में लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति बोकारो से नहीं हो पाने के कारण उत्पादन ठप हो गया।

ऐसे में हालात की गंभीरता को देखते हुए निजी अस्पतालों की आपूर्ति में कमी की गई है। उधर आक्सीजन की किल्लत होने की मुश्किल बढ़ी तो निजी अस्पतालों के प्रबंधतंत्र से जुड़े लोगों तीमारदारों को नोटिस देना शुरू कर दिया। दरअसल, अस्पताल प्रबंधक किन्हीं वजहाें से अपनी साख खराब नहीं करना चाहता है। शहर के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि मेरे यहां से 75 मरीजों को रेफर कर दिया गया। उनमें करीब 50 मरीजों को आक्सीजन की दरकार थी। कहाकि मैंने जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों से बात की लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला। उधर वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने भी आलाधिकारियों से आक्सीजन की कमी को सुचारु करने के निर्देश दिए हैं।

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