विश्व आस्टियोपोरोरिस डे : बेजुबानों में दम भर रही, काशी की बेदम 'आस्था'

आस्टियोपोरोसिस एक चिकित्सा स्थिति है जो हड्डियों को नाजुक और कमजोर बनाती है। हड्डी इतनी नाजुक हो जाती है कि गिरने खांसने और झुकने जैसे हल्के तनाव भी गंभीर फ्रैक्चर का कारण बन जाती है। फ्रैक्चर आमतौर पर रीढ़ कलाई और कूल्हे पर होते हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:21 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:21 PM (IST)
विश्व आस्टियोपोरोरिस डे : बेजुबानों में दम भर रही, काशी की बेदम 'आस्था'
आस्टियोपोरोसिस एक चिकित्सा स्थिति है जो हड्डियों को नाजुक और कमजोर बनाती है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। वह चल-फिर नहीं सकती। चलना तो दूर उठ या बैठ भी नहीं सकती। बस सिर्फ बेड पर ही लेटी रहती है। वह ऐसी बीमारी से ग्रसित हैं जिसके कारण 100 से फ्रैक्चर हो चुके हैं। बस कोई छू तो दे तो मानों हड्डियां टूट जाती हैं। यही कारण है कि करीब 31 साल से उनकी जिंदगी आन बेड है। अगर कही जाना भी है तो बेड के साथ। आनुवांशिक रोग ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफैक्टा के कारण जिंदगी के सारे दुखों का पहाड़ ढो रही हैं, जिसे देखकर हर किसी का कलेजा पसीज जाता है। इस बीमार में आस्टियोपोरोसिस बीमारी जैसे ही लक्षण पाए जाते हैं। हम बात कर रहे हैं वाराणसी की आस्था प्रसाद का। आस्था ने इस दुश्वारी के बाद भी मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास की। यह बात अलग है कि शारीरिक कारणों से मेडिकल बोर्ड ने दाखिला खारिज कर दिया। खैर, तकनीकी रूप से दक्ष आस्था इंटरनेट मीडिया का भरपूर उपयोग करती हैं। मोबाइल व इंटरनेट मीडिया के सहारे ही वह बेदम जिंदगी के दम पर बेजुबानों की मदद करती हैं। उन्होंने अपना आस्था लविंग काइंडनेस एंड कंप्रेशन फाउंडेशन नाम से एक ट्रस्ट भी बना लिया है।

- आस्टियोपोरोसिस एक चिकित्सा स्थिति है जो हड्डियों को नाजुक और कमजोर बनाती है। हड्डी इतनी नाजुक हो जाती है कि गिरने, खांसने और झुकने जैसे हल्के तनाव भी गंभीर फ्रैक्चर का कारण बन जाती है। फ्रैक्चर आमतौर पर रीढ़, कलाई और कूल्हे पर होते हैं। 20 अक्टूबर को आस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है।

पीठ दर्द (बैक पैन ): ऑस्टियोपोरोसिस में पीठ दर्द आमतौर पर रीढ़ (स्पाइन) के फ्रैक्चर के कारण होता है। इसमें काफी तेज दर्द होता है। इसका कारण यह है कि पीठ के टूटे हुए वर्टेब्रा रीढ़ की हड्डी से फैली नसों से चुभते हैं।

बोन फ्रैक्चर: ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होने वाली सबसे कॉमन लक्षणों में से एक है बोन फ्रैक्चर। इसमें हड्डियां इतनी कमजोर या भुरभुरी हो जाती हैं कि फ्रैक्चर होने का रिस्क काफी बढ़ जाता है।

झुका हुआ पोस्चर : कुछ मामलों में, ऑस्टियोपोरोसिस से रीढ़ की हड्डी में हुए फ्रैक्चर के कारण पीठ का ऊपरी हिस्सा आगे की तरफ झुक जाता है, जिससे लंबाई कम लगने लगती है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण आयु: यह सबसे बड़े कारकों में से एक है। हमारे पूरे जीवन में हमारे शरीर की हड्डियाँ टूटती रहती हैं और नई हड्डियाँ बढ़ती रहती हैं। लेकिन जब आप 30 साल की उम्र तक पहुंचते हैं तो हड्डियां वापस बढ़ने के बजाय तेजी से टूटने लगती हैं, जिसके कारण हड्डियां अधिक नाजुक हो जाती हैं और वे और अधिक टूटने का खतरा होता है। मेनोपॉज: यह वह स्थिति है जो 40-45 वर्ष की आयु में महिलाओं में होती है और हार्मोनल स्तर में बदलाव के कारण शरीर से हड्डियां खत्म होने लगती हैं। पुरूषों का भी इस उम्र में भी हड्डियों का टूटना जारी रहता हैं लेकिन महिलाओं की तुलना में धीरे-धीरे होता है। हाइपोथायरायडिज्म यह भी इसका एक कारण हो सकता है।

चिकित्सा स्थिति या दवा: प्रेडनिसोन या कोर्टिसोन जैसी दवाएं भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज उम्र बढ़ने के फ्रैक्चर में सिमेंटेड फेनेस्टेड स्क्रू का उपयोग एक नवीनतम शल्य चिकित्सा की प्रक्रिया है सर्जिकल विकल्प वर्टेब्रोप्लास्टी और काइफोप्लास्टी हैं, जो रीढ़ की हड्डी के दबाव के कारण होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं। ये सर्जरी 'बोन सीमेंट' का उपयोग करती हैं, जो क्षतिग्रस्त रीढ़ की हड्डियों में इंजेक्ट किया जाता है, ताकि उन्हें अधिक घना और मजबूत बनाया जा सके।

पर्क्यूटेनियस सीमेंट : संवर्धित पेंच फिक्सेशन का उपयोग करना संतोषजनक परिणाम प्रदान करता है ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के उपाय प्रतिदिन एक्सरसाइज करें। कैल्शियम का सेवन अधिक करें। विटामिन डी के लिए धूप सेकें। विटामिन के की कमी ना होने दें। मोटापा कम करें। प्लांट एस्ट्रोजेन्स का चुनाव करें। स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन छोड़ दें। तनाव दूर करें। ऑयल मसाज करें। अपनी डायट में तिल शामिल करें। रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं।

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